कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन 11वें दिन जारी,TRS ने भी किया समर्थन, किसानों से बातचीत फेल होने के बाद सिंधु बॉर्डर पर बढ़ाई गई फोर्स

कृषि कानूनों के विरोध पिछले 10 दिनों से चल रहे आंदोलन अभी भी जारी है. सरकार से विफल वार्ता और कड़कड़ाती ठंड के बावजूद हजारों की संख्या में दिल्ली एनसीआर पहुंचे किसानों का विरोध लगातार जारी है। दिल्ली-हरियाणा पर स्थित सिंधु बॉर्डर पर हजारों किसानों की भीड़ पिछले 10 दिनों से 24 घंटे से दिन रात डटी है. किसानों का प्रदर्शन गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर पर भी जारी है. इसके अलावा बुराडी ग्राउंड पर भी कुछ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं.

किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया

किसानों और सरकार के बीच 5 राउंड की बात हो चुकी है, लेकिन अभी तक बैठक बेनतीजा रही है. अब किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है. इसी के साथ सबकी निगाहें अब 9 दिसंबर को सरकार के साथ होने वाली किसानों पर बातचीत पर टिकी है. किसानों के भारत बंद आंदोलन को लेकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आठ दिसंबर को होने वाले भारत बंद में टीआरएस किसानों के समर्थन में खड़ी है

भारत बंद में दिखेगी किसानों की ताकत

वहीं वार्ता विफल होने पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार मंडी और कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग पर बात करना चाहती थी। लेकिन किसान प्रतिनिधिमंडल कृषि कानून वापसी पर अड़ा रहा। टिकैत ने कहा कि अब 8 दिसंबर को भारत बंद में किसानों की ताकत दिखेगी।

बॉर्डर पर नए सिरे से सीमेंटेड बैरिकेडिंग

सिंघु बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों की संख्या हर रोज बढ़ रही है तो यहां फोर्स की तैनाती में भी इजाफा हो रहा है. दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर स्क्वाड, स्पेशल सेल के सीनियर अफसर भी अब ड्यूटी में तैनात किए गए हैं. ये अधिकारी बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.बॉर्डर पर आईटीबीपी, आरएएफ, सीआरपीएफ के जवान तैनात किए गए है. यहां पर नए सिरे से सीमेंटेड बैरिकेडिंग की जा रही है. तो दूसरी ओर किसानों की तरफ से फ्रंट लाइन पर निहंग सरदार तैनात हैं. हांथों में तलवार कृपाण लिए, घोड़े के साथ मौजूद निहंग सरदार वक्त वक्त पर तलवारबाजी दिखा रहे हैं.