सुप्रीम कोर्ट में किसानो के आंदोलन के कारण दिल्ली सीमा बंद होने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. शीर्ष कोर्ट ने किसान संगठनों को भी पक्षकार बनाने और कमेटी बनाकर मामला सुलझाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही केंद्र, पंजाब व हरियाणा सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों की एक कमेटी बनाई जाए
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यम की खंडपीठ ने किसान संगठनों को पक्षकार बनाने की अनुमति दी। न्यायालय ने संकेत दिया कि वह विवाद सुलझाने के लिए देशभर के किसान संगठनों और सरकार के प्रतिनिधियों की एक समिति गठित कर सकती है
सुप्रीम कोर्ट की ओर से किसान संगठनों को नोटिस जारी किया गया. कोर्ट ने इस मुद्दे के जल्द समाधान पर जोर देते हुए कहा कि सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों की एक कमेटी बनाई जाए ताकि आपसी सहमति से मुद्दों को सुलझाया जा सके.
इसमें आपसी सहमति होनी जरूरी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये राष्ट्रीय स्तर का मसला है, ऐसे में इसमें आपसी सहमति होनी जरूरी है. अदालत की ओर से दिल्ली की सीमाओं और देश के अन्य हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की लिस्ट मांगी गई है, जिससे पता चल सके कि बात किससे होनी है. अदालत ने कहा है कि मौजूदा परिस्थितियों से ऐसा लगता है कि सरकार-किसान के बीच सीधे तौर पर इसका कोई हल नहीं निकल रहा है.
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