विश्वभारती यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह में बोले PM मोदी- गुरुदेव का संदेश ही आत्मनिर्भर भारत का आधार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित किया. पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, विश्व भारती, मां भारती के लिए गुरुदेव के चिंतन, दर्शन और परिश्रम का एक साकार अवतार है। भारत के लिए गुरुदेव ने जो स्वप्न देखा था, उस स्वप्न को मूर्त रूप देने के लिए देश को निरंतर ऊर्जा देने वाला ये एक तरह से आराध्य स्थल है। इस समारोह में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी उपस्थित रहे.

भारत के चिंतन की धारा गुरुदेव के राष्ट्रवाद में मुखर

उन्होंने कहा कि रामकृष्ण परमहंस के कारण देश को स्वामी विवेकानंद मिले, स्वामी जी भक्ति-ज्ञान और कर्म को अपने में समाए हुए थे. भक्ति आंदोलन के बाद कर्म आंदोलन आगे बढ़ा, जिसमें कई योद्धाओं ने विदेशी आक्रांताओं को रोका जो बाद में आजादी का आंदोलन बना. मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इन आंदोलनों से प्रभावित होकर ही हजारों की संख्या में लोग आजादी की लड़ाई में जान देने के लिए आते रहे. पीएम बोले कि गुरुदेव ने जिस तरह विश्वभारती को इस तरह बुना, जिसने राष्ट्रवाद की तस्वीर सामने रखी. पीएम मोदी बोले कि वेद से विवेकानंद तक भारत के चिंतन की धारा गुरुदेव के राष्ट्रवाद में मुखर थी. पीएम मोदी ने कहा कि हमारा विकास वैश्विक होता है, गुरुदेव का संदेश ही आत्मनिर्भर भारत का आधार है

गुरुदेव के पदचिन्हों पर चल रहा है देश

पीएम ने कहा कि गुरुदेव के पदचिन्हों पर चलकर देश उनके सपनों को पूरा कर रहा है. मोदी ने कहा कि गुरुदेव की बड़े भाई सत्येंद्र नाथ टैगोर की नियुक्ति गुजरात में हुई थी. तब रवींद्र नाथ टैगोर उनसे मिलने अहमदाबाद में आते थे, वहां पर ही उन्होंने अपनी दो कविताओं को लिखा था. गुजरात की बेटी भी गुरुदेव के घर बहू बनकर आई थी. सत्येंद्र नाथ टैगोर की पत्नी ज्ञानेंद्री देवी जब अहमदाबाद में रहती थीं, तब उन्होंने देखा कि वहां महिलाएं साड़ी का पल्लू दाईं ओर रखती थीं, तब उन्होंने बाएं कंधे पर साड़ी का पल्लू रखने की सलाह दी जो अबतक जारी है.

बंगाल ने संस्कृति के क्षेत्र में भी काम किया

पीएम मोदी बोले कि कोरोना काल के कारण इस बार विश्वभारती के मेले का आयोजन नहीं हुआ. विश्वभारती के छात्र-छात्राएं पॉश मेले में आने वाले लोगों से संपर्क करें, कोशिश करें कि उनकी कलाकृतियां कैसे ऑनलाइन तरीके से बेची जा सकती हैं. मोदी ने कहा कि गुरुदेव कहते थे कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अकेला चलना हो, तो चल पड़िए. जब आजादी का आंदोलन चरम पर था, तब बंगाल उसे दिशा दे रहा था. लेकिन साथ ही बंगाल ने संस्कृति के क्षेत्र में भी काम किया.