एक कहावत है न कि ‘जाको राखे साई राम मार सके ना कोई’ यह कहावत यहां कुछ सटीक बैठती है। देश की राजधानी दिल्ली से एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल यहां एक बुजुर्ग को मृत समझकर परिवार वाले उसका अंतिम संस्कार करने के लिए उसे श्मशान घाट ले गए लेकिन अंतिम संस्कार से ठीक पहले बुजुर्ग को होश आ गया। बुजुर्ग के होश में आने के बाद श्मशान में मौजूद लोगो के बीच हड़कंप सा मच गया।
आपको बता दें कि ये बुजुर्ग अस्पताल में भर्ती था। उसके परिजनों ने डॉक्टर की सलाह लिए बिना ही बुजुर्ग को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करवा लिया था। अस्पताल ने बुजुर्ग को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करते वक्त डिस्चार्ज पेपर पर Left Against Medical Advice लिखा था।
जान लें कि ये बुजुर्ग गुजरात के द्वारका के वेंकटेश्वर अस्पताल में भर्ती थें। बुजुर्ग एक कैंसर पेशेंट हैं। वेंटिलेटर का खर्चा ज्यादा था तो परिवार वाले बुजुर्ग को अस्पताल से अपने घर ले गए थे। वेंटिलेटर से हटाने के बाद बुजुर्ग की सांस बंद हो गई और उसके परिवार वालों ने सोचा कि उसकी मौत हो गई। जिसके बाद अंतिम संस्कार के लिए बुजुर्ग को श्मशान घाट ले जाया गया लेकिन जब चिता पर शव को लेटाए जाने का समय आ गया तो उसकी सांस चलने लगीं। बुजुर्ग के होश में आने के बाद 100 नंबर पर पीसीआर कॉल की गई। इसके बाद एंबुलेंस भी मौके पर पहुंची और फिर बुजुर्ग को अस्पताल ले जाया गया।
पूरे मामले को लेकर दिल्ली पुलिस का कहना है कि अभी तक की जांच में अस्पताल की लापरवाही सामने नहीं आई है। अस्पताल ने कोई MLC नहीं बनाई थी। मामले की जांच की जा रही है।
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