पीएम मोदी की सरकार ने रेलवे के विकास पर पूरा फोकस कर रही है। ट्रेनों की जगह स्टेशनों को लक्ष्य बनाया गया है, ताकि आधुनिक रंग-रूप में सुविधा मिले तो लोग वाहवाही करें। इस बार की योजना में बिहार के अंदर शाहाबाद, मिथिला और मगध क्षेत्र पर फोकस साफ दिख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज का दिन रेलवे के लिए एक ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि आज दोपहर साढ़े 12 बजे देश को हजारों करोड़ रुपये की सौगात मिलेंगी, जिसमें कई रेलवे और बुनियादी ढांचों के विकास की परियोजनाएं है। प्रधानमंत्री अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत रिमोट के माध्यम से 41 हजार करोड़ रुपये की लागत से देश भर के 554 रेलवे स्टेशन और 1500 रोड ओवर ब्रिज का शिलान्यास किया।
बिहार के 33 रेलवे स्टेशन (बरौनी, सीवान, मुंगेर, थावे, सबौर, अररिया कोर्ट, शिवनारायणपुर, दौरम मधेपुरा, डेहरी ऑन सोन, गुरारू, काढ़ागोला रोड, चौसा, लहेरियासराय, बांका, सिमरी बख्तियारपुर, सुपौल, नवादा, रक्सौल, मोतीपुर, लखीसराय, मशरख, रफीगंज, मैरवा, पीरो, बिक्रमगंज, लाभा, जनकपुर रोड, चकिया, नबी नगर रोड, घोड़ासहन, सालमारी, एकमा एवं शाहपुर पटोरी) का पुनर्विकास कार्य एवं 68 रोड ओवरब्रिज / अंडरपास का निर्माण कार्य की शुरुआत की गई। पूर्व मध्य रेल के पांचों मंडल के अंतर्गत 3029 करोड़ रुपये की लागत से कुल 23 स्टेशनों के पुनर्विकास का शिलान्यास तथा 29 आरओबी एवं 50 आरयूबी, एलएचएस का लोकार्पण प्रधानमंत्री द्वारा किया गया।
रेलवे के लिए आज ऐतिहासिक दिन
पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार ने कहा कि रेलवे के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। नवनिर्मित रोड ओवर ब्रिज तथा अंडरपास के माध्यम से लोगों को अवरोधमुक्त एवं सुरक्षित सड़क यातायात की सुविधा हो जाएगी, उनके समय की बचत होगी। इसके साथ ही एक ओर जहां विभिन्न क्षेत्रों में सामनों के परिवहन में लागत एवं समय में कमी आएगी वहीं कार्बन उत्सर्जन में कमी आने से पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी
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