पूर्वोत्तर में रेमल से बाढ़-भूस्खलन से तबाही, 15 की मौत-हजारों बेघर; PM ने दिया हरसंभव मदद का आश्वासन

चक्रवाती तूफान रेमल ने पश्चिम बंगाल के बाद पूर्वोत्तर के राज्यों में जबर्दस्त तबाही मचाई है। बाढ़ और भूस्खलन से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। सैकड़ों घर ढह गए। कई बीघा फसलें नष्ट हो गई। असम में 12 तो मणिपुर में तीन लोगों की जान चली गई। आपदा प्रभावित असम, त्रिपुरा, मणिपुर में जनजीवन अस्त व्यस्त है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह ने चक्रवात से हुए जानमाल के नुकसान पर दुख जताया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। शाह ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर स्थिति की जानकारी ली।

असम में शुक्रवार को हुई छह लोगों की मौत के साथ अब तक मरने वालों की कुल संख्या 12 हो गई। अब तक 11 जिलों में 3.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। कई जगह ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों के साथ-साथ उनकी सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। करीमगंज में चार तटबंध क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सबसे बुरा हाल नगांव, करीमगंज, हैलाकांडी, पश्चिम कार्बी आंगलोंग, कछार, होजई, गोलाघाट, कार्बी आंगलिंग और दीमा हसाओ जिले में है।

मेघालय के लुम्स्लम क्षेत्र में भारी बारिश से राष्ट्रीय राजमार्ग-6 का 20 मीटर हिस्सा बह गया। इस वजह से कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों का राज्य के अन्य हिस्सों व पूर्वोत्तर क्षेत्र से सड़क संपर्क टूट गया है। कई वाहन फंसे हुए हैं। बाढ़ से सबसे अधिक 1,19,997 लोग कछार में प्रभावित हैं। वहीं, नगांव में 78,756, होजाई में 77,030, करीमगंज में 52,684, और हैलाकांडी में 14,308 लोग प्रभावित हुए हैं। असम के जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका ने बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया।

मौसम विभाग के मुताबिक रेमल के प्रभाव से दक्षिण-पश्चिम मानसून निर्धारित समय से पहले ही असम समेत पूर्वी क्षेत्रों में प्रवेश कर गया है।