बिहार के दरभंगा में प्रशासन के लापरवाही ने बढ़ाया भूमाफियाओं का मनोबल, चार लोगो को जिंदा जलाया।

बिहार में प्रशासन की सख्ती और सतर्कता के बाद अपराध के ग्राफ में कमी तो आई है। पर यदा कदा होनेवाली घटनाएं यह बताती हैं कि सूबे में अभी प्रशासन चैन की नींद नहीं ले सकती है। प्रशासन को निरंतर अपने कर्तव्य के प्रति सतर्क रहना होगा। क्योंकि सूबे में अपराध को जड़ से खत्म करने का यही एक विकल्प है। बिहार के दरभंगा जिले के नगर थाना क्षेत्र के जीएम रोड से रूह को कंपकंपा देने वाली खबर सामने आई है। दरभंगा में भूमाफियाओं का मनोबल कितना हाई है इस बात की गवाही बेखौफ भूमाफियाओं के द्वारा अंजाम दिए गए अपराध की घटना दे रही है। बताया जा रहा है कि एक मकान पर जबरन कब्जा करने आए भूमाफियाओं ने चार लोगों को जिंदा जला दिया। मरने वालों में एक गर्भवती महिला पिंकी झा भी शामिल थी। आग के कारण गर्भवती महिला की कोख में ही उसका आठ महीने का बच्चा मर गया था। यह घटना 10 फरवरी की बताई जा रही है। पिंकी के भाई संजय के घर पर कब्जा करने के लिए भूमाफियाओं ने इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया था। अब इस घटना के विरोध में विपक्ष और सत्ताधारी दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) एक साथ सड़क पर उतर गए हैं।

हत्यारों के खिलाफ हो कड़ी करवाई

घटना के विरोध में बुधवार को विपक्ष और सत्ताधारी पार्टी हम एक साथ सड़क पर उतरे। विपक्षी पार्टियों का दरभंगा बंद असरदार दिखा। बंद समर्थकों ने शहर की सभी मुख्य सड़कों को जाम कर दिया। इससे आवागमन बाधित रहा। उन्होंने सड़क पर आगजनी की और धरने पर बैठ गए। बंद समर्थकों ने हत्यारों को गिरफ्तार करके फांसी देने और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। इसके अलावा जल्द से जल्द एसएसपी को निलंबित करने की मांग पर अड़े रहे।

भूमाफियाओं ने पार की बर्बरता की चरम सीमा

जमीन और मकान पर जबरन कब्जा करने के लिए भूमाफिया बुलडोजर लेकर पहुंचा था। आरोप है कि जब घरवालों ने इसका विरोध किया तो उनके साथ मारपीट की गई। भूमाफिया के साथ आए लोगों ने न केवल पिंकी के घर में आग लगा दी बल्कि परिवार के लोगों पर भी पेट्रोल छिड़ककर जला दिया। घटना में चार सदस्य झुलस गए। वहीं गर्भवती पिंकी, उसके पेट में पल रहा आठ महीने का बच्चा, संजय झा की मौत हो गई। दो लोगों का पटना के पीएमसीएच अस्पताल में इलाज चल रहा है।

इतनी बड़ी घटना के बाद भी आखिर पुलिस क्यों थी चुप?

गौरतलब है कि मामले में नामजद अभियुक्त होने के बाद भी पुलिस अपराधी को गिरफ्तार करने के बदले आग लगने और लगाने की जांच में जुटी रही। इस बात से लोगों में नाराजगी है। हालांकि पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। वहीं भूमाफिया मौके पर अपनी जेसीबी छोड़कर फरार हो गए थे। इस मामले में अबतक आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि 40 के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गई है। 13 लोगों की शिनाख्त हो गई है। बाकी आरोपियों की तलाश जारी है। मुज्जफरनगर की फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से जरूरी सैंपल इकट्ठा करके उन्हें जांच के लिए भेज दिया है।

जब रक्षक ही बन जाए भक्षक तो कौन करेगा रक्षा?

जिस जगह पर घटना हुई वहां से एलएनएमयू थाना कुछ ही दूरी पर है। पिंकी के भाई संजय झा का नगर थाना क्षेत्र के जीएम रोड स्थित एक मकान और जमीन है। इसकी दावेदारी का मामला पटना हाईकोर्ट में चल रहा है। इसी बीच 10 फरवरी को देर शाम करीब 20 से 25 की संख्या में आए भू माफियाओं ने जबरन संजय झा के मकान को गिराने की कोशिश की। इसके बाद घर को आग लगा दी। इस पूरी वारदात का मुख्य आरोपी शिवकुमार झा है। यह वही व्यक्ति है जिसका मकान और जमीन का विवाद चल रहा है। घटना में पुलिस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी की भूमिका को संदिग्ध बताया गया है।

पीड़ित परिवार का पुलिस पर आरोप

मृतक संजय झा की बहन निक्की जो हादसे में झुलस गई थीं, उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। निक्की का कहना है कि घटना से एक दिन पहले जब शिवकुमार झा के गुंडे जेसीबी लेकर उनके मकान को ढहाने आए थे तब भी उन्होंने पुलिस से मदद मांगी थी लेकिन पुलिस ने लापरवाही बरती। यदि समय रहते पुलिस ने उन्हें सुरक्षा दी होती तो ना तो घर ढहता और ना ही आग लगने की घटना होती। उन्होंने कहा कि शिवकुमार झा आरोप लगा रहे हैं कि संजय झा ने खुद आग लगाई थी तो फिर वे फरार क्यों है। उन्हें सामने आना चाहिए।

गौरतलब है की इतने बड़े घटने के बाद भी पुलिस की कार्यशैली पुलिस को सवालों के घेरे में ला रही है। भ्रष्ट अधिकारियों के कारण ही किसी भी क्षेत्र के अपराधियों के मनोबल को प्रोत्साहन मिलता है। इसलिए राज्य सरकार को इस गंभीर समस्या पर जल्द से जल्द ध्यान देना चाहिए और इस घटना की निष्पक्षता से जांच करवा दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी करवाई करनी चाहिए। जो दूसरे अपराधियों को अपराध करने से पहले परिणाम की चिंता करने पर विवश कर दे। और हां भूमाफियाओं से मिले अधिकारियों को यथासीघ्र ही पद से निष्कासित कर उनपर भी उचित करवाई करनी चाहिए।