गया के महिलाकर्मी ने लगाया जिला पंचायती राज अधिकारी पर यौन उत्पीडन का आरोप, मुख्यमंत्री को लिखा चिठ्ठी, बोली न्याय करे माननीय।

गया के जिला पंचायती राज अधिकारी के ऊपर एक महिला कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है। डीपीआरओ कार्यालय में ही काम करने वाली महिला ने इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र भी लिखा है। पत्र में महिलाकर्मी ने डीपीआरओ की करतूतों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगायी है। पत्र के संज्ञान में आते ही पटना से गया तक का प्रशासनिक महकमा सक्रिय नजर आने लगा है। मामले के प्रकाश में आने के बाद गया के डीएम डॉ त्याग राजन ने स्थानीय पुलिस को इस मामले में तत्काल जांच के आदेश दिया है। उन्होंने डीडीसी से 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट तलब करने को कहा है।

डीपीआरओ ने महिला कर्मी को कहा बाहर गई बात तो अच्छा नहीं होगा।
घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि पीड़िता ने अपने साथ हुई घटना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि डीपीआरओ राजीव ने उसके साथ यौन उत्पीड़न किया और धमकी दी है। पत्र में लिखा गया है कि डीपीआरओ अपने काले शीशे वाले चैंबर में लैपटॉप का बहाना बना कर उसे अंदर बुलाया। पहले तो उसे खूब डांटा, जब मेरे आंखों से आंसू आ गये तो वहां खड़े ड्राइवर को मेरे लिए पानी लाने के बहाने बाहर भेज दिया। उसके बाद डीपीआरओ ने मुझे पकड़ा और गंदी हरकतें करने लगा। जब मैंने मना किया और कमरे से भागने की कोशिश की, तो डीपीआरओ ने पीछे से पकड़ लिया और कहने लगे कि यह बातें किसी भी तरह से बाहर गयी तो अंजाम अच्छा नहीं होगा। तुम्हें इतनी दूर भेज देंगे कि तुम कल्पना भी नहीं कर सकती हो।

सवाल सुनते ही भड़के राजीव कुमार
पत्र में पीड़िता ने अपना नाम और मोहल्ले का केवल जिक्र किया है। अब तक सूचना के अनुसार पंचायती राज कार्यालय में उस नाम की कोई महिला कार्यरत नहीं है। वैसे कार्यालय में कार्यरत तमाम महिला कर्मियों से पूछताछ की जा रही है। इधर, मुख्यमंत्री को भेजी गयी चिट्‌ठी को लेकर पूछे गये सवाल पर डीपीआरओ राजीव कुमार भड़क गये। उन्होंने कहा कि आरोप बेबुनियाद है। ऐसी कोई महिला को मैं जानता नहीं हूं। जांच से क्या होता है, जांच होने दीजिए। हमने लिख कर दे दिया है कि जिस नाम से मुख्यमंत्री को चिट्‌ठी लिखकर आरोप लगाया है, उस नाम की कोई कर्मी ही नहीं है।

जांच दल ने शुरू किया काम जांच का काम।
इधर, कार्यालय के लोगों का कहना है कि वास्तव में लड़की ने अपना मूल नाम छुपाया है। शिकायत पत्र में जो कुछ लिखा है वो दूसरे नाम से लिखा गया है। इसके साथ ही पीड़िता के साथ राजीव की कई तस्वीरें सामने आयी हैं। दोनों एक-दूसरे के साथ नजर आ रहे हैं। कर्मियों का कहना है कि अगर सही से जांच हो तो सारी बातें स्पष्ट हो जाएंगी। जांच दल ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है। जांच का जिम्मा उप विकास आयुक्त को दी गयी है। जांच दल में जिला प्रोग्राम अधिकारी और श्रम अधीक्षक भी शामिल हैं।