श्रीलंका पर छाए आर्थिक संकट के बादल, तो मदद के लिए भारत ने आगे बढ़ाया हाथ।

आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका के लिए भारत ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया है। भारत ने शनिवार को 40,000 टन डीजल श्रीलंका भेजा। सीलोन पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष सुमित विजेसिंघे ने कहा कि ईंधन का वितरण आज शाम से शुरू हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि श्रीलंका भर में सैकड़ों ईंधन स्टेशनों के लिए यह अच्छा समाचार है, जहां पिछले कुछ दिनों से इसकी आपूर्ति नहीं थी। रिपोर्ट के मुताबिक, 40 हजार टन चावल की खेप भी भारत से श्रीलंका भेजने के लिए तैयार की जा रही है। दोनों देशों ने पिछले महीने 1 बिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद भारत की ओर से श्रीलंका को यह पहली बड़ी खाद्य सहायता होगी। माना जा रहा है कि इस मदद से श्रीलंका में सरकार खाद्य कीमतों में कमी लाने में कुछ हद तक सफल होगी, जो पिछले एक साल में दोगुनी हो गई है।

पट्टाभि एग्रो फूड्स के प्रबंध निदेशक बीवी कृष्ण राव ने बताया कि हम पहले कंटेनर्स लोड कर रहे हैं। पोत-लोडिंग की प्रक्रिया कुछ दिनों में शुरू होगी। फर्म भारतीय और श्रीलंकाई सरकारों के बीच हुए एक क्रेडिट सुविधा समझौते के तहत श्रीलंका स्टेट ट्रेडिंग (जनरल) कॉर्प को चावल की सप्लाई कर रही है।

दशकों में सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा श्रीलंका

डीजल शिपमेंट श्रीलंकाई सरकार के लिए अतिरिक्त 500 मिलियन डॉलर की ईंधन सहायता का हिस्सा है। श्रीलंका दशकों में अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा है। यहां खाद्य और आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। देश में इस सप्ताह पेट्रोल और डीजल की कमी हो गई है, जिससे फिलिंग स्टेशनों पर सशस्त्र सैनिकों की तैनाती करनी पड़ी। साथ ही यहां 13 घंटे तक बिजली कटौती हुई है।

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने आर्थिक संकट को लेकर देशभर में जारी प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रव्यापी सार्वजनिक आपातकाल लगाने की घोषणा की है। राजपक्षे ने शुक्रवार देर रात एक विशेष गजट अधिसूचना जारी कर श्रीलंका में एक अप्रैल से तत्काल प्रभाव से सार्वजनिक आपातकाल लागू करने की घोषणा की।