बिहार के मुजफ्फरपुर में पतंजलि विश्वविद्यालय एवं शोध संस्थान के संयोजक स्वामी रामदेव व पतंजलि संस्थान के चेयरमैन आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी मुकेश कुमार की कोर्ट में परिवाद दाखिल किया गया है। यह परिवाद भीखनपुर निवासी समाजसेवी तमन्ना हाशमी ने दाखिल किया है। कोर्ट ने परिवाद को सुनवाई पर रखा है।
क्या है आरोप ?
तम्मना हाशमी ने परिवाद में आरोप लगाया गया है कि दोनों आरोपितों ने कोराना वायरस से बचाव के लिए कोरोनिल टेबलेट बनाया है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने प्रचार पर रोक लगा दिया है। आरोपितों ने साजिश के तहत आयुष मंत्रालय सहित पूरे देश को धोखा देने का काम किया है। जिससे लाखों लोगों की जान पर खतरा हो गया है।
पतंजलि का है ये दावा?
गौरतलब है कि बाबा रामदेव ने मंगलवार को कोरोना को सात दिन में पूरी तरह ठीक करने के दावे के साथ इस दवा को लांच किया था। उनका कहना था कि आयुर्वेद पद्धति से जड़ी-बूटियों के गहन अध्ययन और शोध के बाद यह दवा बनी है। जो शत- प्रतिशत मरीजों को फायदा पहुंचा रही है।
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