जेईई मेंस और नीट की परीक्षाएं आयोजित कराने के नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के ऐलान पर विरोध शुरू हो गये हैं। आपको बता दें कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने 21 अगस्त को ऐलान किया कि सितंबर में जेईई मेंस और नीट की परीक्षाएं कराये जाने का ऐलान किया है। जेईई मेंस की परीक्षा 1 से 6 सितंबर के बीच जबकि नीट की परीक्षा 13 सितंबर को कराई जाएगी।
क्यों हो रहा विरोध ?
विरोध प्रदर्शन में छात्रों की मांग है कि जब तक कोरोना का संक्रमण नहीं थमता तब तक परीक्षा को स्थगित किया जाए. एनटीए के आदेश से सबसे ज्यादा प्रभावित यूपी और बिहार के वैसे छात्र दिख रहे हैं जो बाढ़ प्रभावित इलाके में रहते हैं. उनके सामने समस्या दोहरी है. एक तो कोरोना की वजह से वे बच रहे हैं, दूसरा कोरोना और बाढ़ की वजह से सवारी बंद है. ऐसे में परीक्षा सेंटर तक पहुंचना भी उनके लिए मुश्किल है।
छात्रों की मांग से सहमत राहुल-प्रियंका
रविवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने छात्रों की मांग से सहमति जताई. दोनों ने ट्वीट कर सरकार से फैसले पर दोबारा सोचने का आग्रह किया. राहुल गांधी ने एक ट्वीट में लिखा, आज हमारे लाखों छात्र सरकार से कुछ कह रहे हैं. NEET, JEE परीक्षा के बारे में उनकी बात सुनी जानी चाहिए और सरकार को एक सार्थक हल निकालना चाहिए. केंद्र सरकार को NEET, JEE परीक्षा को लेकर छात्रों के मन की बात सुननी चाहिए और एक सार्थक समाधान निकाला जाना चाहिए।
दिल्ली के शिक्षा मंत्री भी विरोध में
दिल्ली के मंत्री मनीष सिसोदिया और गोपाल राय ने परीक्षा स्थगित करने की मांग की. सिसोदिया ने आरोप लगाया कि सरकार परीक्षा के नाम पर लाखों छात्रों की जिंदगी से खेल रही है. गोपाल राय ने कहा, अगर सरकार कोई विकल्प बना रही है तो छात्रों से बातचीत करनी चाहिए. पूरे देश के छात्रों को ऐसा लग रहा है कि केंद्र सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है. नई परिस्थितियों में नए समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए केंद्र सरकार को छात्रों की बात अनसुनी करने की बजाय लॉजिकल निर्णय लेना चाहिए।
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