घरेलू कोयला पर मंडराने लगा खतरा, बढ़ सकता है बिजली का दाम।

उत्‍तर प्रदेश में पेट्रोल-डीजल, सीएनजी और घरेलू गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने के बाद अब बिजली भी एक रुपये यून‍िट महंगी हो सकती है। वजह है घरेलू कोयले का भंडार खत्‍म होने के बाद व‍िदेशी कोयले से बिजली का न‍िर्माण होगा। ज‍िसकी कीमत दस गुना अध‍िक देनी होगी।

महंगे होते विदेशी कोयला के इस्तेमाल से राज्य में बिजली का उत्पादन एक रुपये प्रति यूनिट तक महंगा हो सकता है। विद्युत उत्पादन निगम द्वारा 10 प्रतिशत विदेशी कोयला खरीदने से प्रति यूनिट 70 पैसे बिजली महंगी होने संबंधी नियामक आयोग में दाखिल जवाब पर विद्युत उपभोक्ता परिषद ने सवाल उठाया है।

परिषद का कहना है निगम ने जनवरी की दर को आधार बनाते हुए प्रति यूनिट लागत का आकलन किया है जबकि तीन माह के दौरान विदेशी कोयला लगभग डेढ़ हजार रुपये प्रति टन महंगा हो चुका है। इस बीच राज्य सरकार ने विदेशी कोयला खरीदने के संबध में उत्पादन निगम द्वारा मांगी गई अनुमति को देने के बजाय कहा है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए निगम खुद निर्णय करे।

हालांकि, विदेशी कोयले से बिजली महंगी होने के कारण निगम प्रबंधन द्वारा एक बार फिर सरकार के स्तर से ही इस पर निर्णय लेने की बात कही जा रही है। दरअसल, केंद्र सरकार के कहने पर उत्पादन निगम को अपने बिजली उत्पादन गृहों के लिए 10 प्रतिशत विदेशी कोयला खरीदना है। चूंकि विदेशी कोयला, घरेलू से लगभग 10 गुना महंगा है जिससे बिजली महंगी होगी इसलिए विदेशी कोयला खरीदने पर रोक लगाने संबंधी याचिका उपभोक्ता परिषद ने इस पर आयोग द्वारा मांगी गई जानकारी को उत्पादन निगम ने उपलब्ध कराते हुए कहा है कि 10 प्रतिशत विदेशी कोयले से लगभग 2900 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आएगा जिससे 70 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी होगी। इस पर परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने आयोग के चेयरमैन से मिलकर कहा कि निगम का अनुमान गलत है क्योंकि अब विदेशी कोयला 17 हजार रुपये प्रति टन है जिससे पांच हजार करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा।नियामक आयोग में दाखिल कर रखी है।

वर्मा ने कहा कि निगम के मुताबिक उसे प्रतिदिन लगभग 87,900 टन कोयला चाहिए जबकि इनदिनों औसतन 61,309 टन ही कोयला मिल रहा है। लगभग 30 प्रतिशत कोयले की कमी के चलते ही वह 10 प्रतिशत यानी लगभग 18.95 लाख टन विदेशी कोयला खरीदना चाहता है। इसकी लागत एनटीपीसी विन्ध्याचल रिहन्द के विदेशी कोयले के टेंडर की 15,341.41 रुपये प्रति टन की दर से निकाली गई है।

परिषद अध्यक्ष ने कहा कि बिजली का उत्पादन लागत एक रुपये प्रति यूनिट तक बढ़ रहा है इसलिए विदेशी कोयला खरीदने पर तत्काल रोक लगाई जाए और इस पर राज्य सलाहकार समिति की बैठक में चर्चा की जाए। वर्मा ने कहा कि वर्ष 2012 में विदेशी कोयला खरीदने के मुद्दे पर केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा गठित तकनीकी समिति की रिपोर्ट में पुराने पावर प्लांट में विदेशी कोयले के इस्तेमाल पर कहा गया था कि पहले प्लांट को अपग्रेड किया जाए।