सीडीएस ने कहा: मणिपुर की हिंसा जातीय संघर्ष है, उग्रवाद नहीं….

मणिपुर के हिंसा के कारणों को लेकर सीडीएस यानी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान ने स्पष्ट किया है कि इसका उग्रवाद से कोई लेना देना नहीं है। उनके अनुसार यह राज्य की ही 2 जातियों के बीच संघर्ष का नतीजा है। चौहान ने पुणे में मंगलवार को कहा कि हिंसा को कानून व्यवस्था का मुद्दा कहा जा सकता है। इसके उलट दो दिन पहले ही मणिपुर के मुख्यमंत्री वीरेंद्र सिंह ने कहा था कि मणिपुर में हिंसा में शामिल 40 उग्रवादियों को मार गिराया जा चुका है। वीरेंद्र सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य की जन्म जातियों को हिंसा का जिम्मेदार ठहराया था। बाद में श्री सिंह को सफाई भी देनी पड़ी थी। जिन मृत लोगों को उग्रवादी बताया गया उनके शवों के बारे में प्रशासन कोई जवाब नहीं दे पाया था। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को मणिपुर के कई जिलों का दौरा किया।