महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सियासी हलचल एक बार फिर तेज हो गई है। राज्यपाल से शरद पवार और नारायण राणे की मुलाकात के बाद कई अटकलें लगाई जा रही है। इन सबके बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सहयोगी पार्टियों की बैठक बुलाई है. दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कल कहा था कि हम महाराष्ट्र में डिसिजन मेकर नहीं हैं. इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया. अब सीएम उद्धव की ओर से आनन-फानन में सहयोगियों की बैठक बुलाई गई है.
महाराष्ट्र में सरकार स्थिर- शिवसेना
शिवसेना के मुखपत्र सामना ने बुधवार को अपने संपादकीय में लिखा कि महाराष्ट्र में सरकार स्थिर है. शिवसेना का बयान उस समय आया है, जब एनसीपी चीफ शरद पवार ने पहले राज्यपाल बीएस कोश्यारी और फिर सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी. इसके बाद उद्धव सरकार पर संकट के बादल मंडराने के कयास लगाए जा रहे थे.
शिवसेना ने बीजेपी को लिया आड़े हाथों
बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए संपादकीय में कहा गया है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की मांग करने वालों को गुजरात में ऐसी मांग करनी चाहिए, अगर उनमें हिम्मत है. राज्यपाल को ऐसी विपक्षी पार्टी की खिंचाई करनी चाहिए जो कोरोना पर राजनीति कर रही है. उद्धव सरकार ने छह महीने पूरे कर लिए हैं, ये लोग कह रहे थे कि सरकार 11 दिनों तक नहीं चलेगी.
हमारे पास 170 विधायकों के साथ बहुमत
सामना के संपादकीय में लिखा गया कि हमारे पास 170 विधायकों के साथ एक मजबूत सरकार है, अगर यह आंकड़ा 200 हो जाता है तो विपक्ष को हमें भविष्य में दोष नहीं देना चाहिए.
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