
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद जहां एक तरफ बीजेपी पार्टी के कार्यालय में खुशी का माहौल दिखा वही दूसरी तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए भी एक खुशी की खबर आई। जिसने पार्टी के इरादों को मजबूती देने का काम किया है। मणिपुर की 60 सीटों में से 6 पर जनता दल यूनाइटेड ने जीत हासिल की है। बिहार की राजनैतिक पार्टी जेडीयू का मणिपुर विधानसभा सीटों में से 6 सीटें मिलना वाकई पार्टी के लिए विकाश का सूचक है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि जेडीयू के नेताओं और कार्यकर्ताओं के द्वारा किया जाने वाला मेहनत रंग लाया है और जेडीयू के मणिपुर में इस प्रदर्शन ने सभी को चौंका कर रख दिया है। जदयू, मणिपुर की जीत से खूब उत्साहित है। यहां उसके 38 उम्मीदवारों में से 6 जीते तथा 5 दूसरे नंबर पर रहे।
चुनाव आयोग की ओर से जारी किए आंकड़ों पर गौर करे तो जदयू के सभी छह उम्मीदवारों ने बीजेपी के प्रत्याशियों को पराजित कर जीत हासिल की है। आंकड़ों पर गौर करे तो जदयू और बीजेपी के प्रत्याशियों के बीच मतों का अंतर बहुत कम रहा है। जदयू और बीजेपी के प्रत्याशियों के बीच चार सीटों पर मतों का अंतर आठ सौ से भी कम रहा है। वहीं, अन्य दो सीटों पर दोनों दलों के बीच मतों का अंतर 1249 और 3773 रहा है।
गौरतलब है कि जनता दल यूनाइटेड का मुख्य आधार बिहार में है। ऐसे में राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए मणिपुर में मिले वोट आनेवाले दिनों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले हैं। नीतीश कुमार के शासन में ऐसा पहली बार है कि मणिपुर में जेडीयू ने इतनी सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं जदयू ने उत्तरप्रदेश में कुल 36 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। इनमें किन्हीं को जीत नहीं मिली। एक उम्मीदवार धनंजय सिंह मतगणना के अंतिम दौर में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से हारे।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने इसे पार्टी के सिर्फ 5 महीनों की मशक्कत का नतीजा बताया। उनके अनुसार हम उत्तर प्रदेश में संगठन की मजबूती व विस्तार के लिए अभियान चलाएंगे। इधर, केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने भी मणिपुर में जीतने वाले अपने उम्मीदवारों को बधाई दीया है और उन्होंने कहा है कि’मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में हमारी पार्टी ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 6 सीटों पर जीत दर्ज की है।
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