Bihar: राज्य सरकार पर कांग्रेस ने लगाया बड़ा आरोप कहा भू माफियाओं के इशारों पर होता है राज्य में अधिकारियों का ट्रांसफर……..!

बिहार के राजनीतिक गलियारों में ट्रांसफर-पोस्टिंग का मुद्दा सुर्खियों में आ चुका है। राजनीति के धुरंधर खुद को इस मुद्दे से जोड़ कर अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं या वाकई ऐसी कोई गड़बड़ी भी हुई है। अभी तक तो इन प्रश्नों के उत्तर नही मिल पाया है। वर्तमान बिहार सरकार के मंत्री रामसूरत राय के बयान के बाद विपक्ष भी सता पक्ष पर हमलावर हो गई है।

कांग्रेस ने राज्य सरकार पर बोला बड़ा हमला……

कांग्रेस ने कहा है कि बिहार में अधिकारियों का ट्रांसफर और उनकी पोस्टिंग भू माफिया के इशारों पर होती है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने इसे अब साफ कर दिया है। इससे स्पष्ट है कि पिछले 17 साल से बिहार में भू माफिया सरकार चला रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी का कहना है कि रामसूरत राय कोई पहले मंत्री नहीं हैं जो इस प्रकार का आरोप लगा रहे हैं।

वीआईपी ने की सीबीआई जांच कराए जाने कि मांग……

इससे पहले एनडीए गठबंधन के तत्कालीन मंत्री मुकेश सहनी भी सरकार की पोल-पट्टी खोल चुके हैं। इधर, वीआईपी पार्टी ने ट्रांसफर -पोस्टिंग की इस प्रकरण पर कहा कि इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री के निर्देश को मानना है मेरा धर्म- राम सूरत राय।

आपको बता दें कि राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय विभागीय ट्रांसफर पर बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार की ओर से लगी रोक से उनसे खफा हैं। मंत्री रामसूरत राय ने 30 जून को बड़ी संख्या में अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग किया था। जिसपर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रोक लगा दिया है। सीएम के फैसले से आहत रामसूरत राय ने सीएम से किसी और को मंत्री बनाने की पेशकश भी कर दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पहले हम जैसा जनता दरबार लगाते थे, लोगों के बीच जाते थे अब हम वो सब नहीं करेंगे और जनता दरबार नहीं लगाएंगे। जनता को जहां जाना है जाए। हालांकि उन्होंने आगे कहा कि हम सभी के मुख्यमंत्री ने निर्णय लिया है तो उसको मानना मेरा धर्म है।

रामसूरत राय का विवादो से है पुराना नाता…….

मंत्री के इस बयान के बाद बिहार का सियासी पारा काफी बढ़ गया है। विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने बिहार सरकार के भूमि व राजस्व सुधार विभाग के मंत्री रामसूरत राय द्वारा अधिकारियों के किए गए तबादले और उसके बाद इन तबादलों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा रोक लगाए जाने के मामले की जांच सीबीआई से होनी चाहिए। पार्टी प्रवक्ता देव ज्योति का कहना है कि विभागीय मंत्री रामसूरत राय का विवादों से पुराना नाता रहा है। इसलिए पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।