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बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बुधवार को जहां पटना के गांधी मैदान में आयोजित एक समारोह में 10 हजार से अधिक सिपाहियों को नियुक्ति पत्र सौंप रहे हैं, वही भारतीय जनता पार्टी इसे इवेंट मैनेजमेंट बताते हुए मौजूदा सरकार पर घोटाला करने का आरोप तक लगा रही है।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने गांधी मैदान में हुए नियुक्ति पत्र वितरण समारोह की पोल खोलते कुछ पुराने मीडिया क्लिप्स जारी करते हुए कहा कि बिहार में शराब माफियाओं का घोटाला और नियुक्ति घोटाला दोनों एक साथ चल रहा है। उन्होंने कहा कि आज फिर से पहले से नौकरी मिले हुए लोगों को गांधी मैदान में पुनः बुलाकर नौकरी दी जा रही है।
संजय जयसवाल यही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि “मुख्यमंत्री को प्रतिदिन गांधी मैदान में शपथ लेना चाहिए। इससे अगले 100 दिनों में वे 108 वीं बार मुख्यमंत्री बन कर नियुक्ति की तरह एक नया मुख्यमंत्री घोटाला रिकॉर्ड बना सकते हैं। बिहार में सभी तरह के घोटालों की बहार है।
इधर, बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं बिहार बीजेपी प्रवक्ता डॉ निखिल आनंद ने चाचा भतीजा के नेतृत्व वाली बिहार सरकार पर नई नौकरी देने का झूठा और फर्जी दावा करने का आरोप लगाया है। बिहार सरकार पर ‘नियुक्ति घोटाले’ या ‘रिक्रूटमेंट फ्रॉड’ का आरोप लगाते हुए निखिल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पटना के गांधी मैदान में 16 नवंबर को जिन 10 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को को नियुक्ति पत्र बाँटा गया, उनकी नियुक्ति एनडीए सरकार के दौरान ही हो गई है और वे प्रशिक्षण रहे हैं। बावजूद इसके सरकार ने उन्हें फिर से नियुक्ति पत्र बांटने का इवेंट मैनेजमेंट किया।
उन्होंने बताया कि “बिहार के एनडीए सरकार के दौरान पूरी हुई यह नियुक्तियां 2-3 साल पुरानी हैं। जिन पुलिसकर्मियों को नीतीश- तेजस्वी ने नियुक्ति पत्र दिया, उन सभी को पहले ही पत्र दिया जा चुका है। दारोगा को क्षेत्रीय डीआईजी और आईजी ने एक महीने पहले ही नियुक्ति पत्र दे दिया है। वहीं सिपाही का जिले के एसपी की तरफ से ज्वाइनिंग लेटर दिया गया था। इससे पूर्व 9000 के लगभग मेडिकल कर्मियों और पंचायती राज विभाग सहित अन्य विभागों में भी पहले से ही नियुक्त हुए लोगों को दोबारा नियुक्ति पत्र बांट कर महागठबंधन सरकार ने इवेंट मैनेजमेंट किया गया था।
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