मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में काउंटिंग जारी है।चार राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए जा रहे हैं. रुझानों में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी को बहुमत मिल गया है. वहीं, तेलंगाना में कांग्रेस बाजी मारती नजर आ रही है. एमपी में शिवराज सिंह चौहान की सरकार जबरदस्त नतीजों के साथ फिर से सत्ता में वापस करती हुई दिख रही है. इन नतीजों से बीजेपी गदगद है. भोपाल, जयपुर, रायपुर से लेकर दिल्ली तक जश्न की तैयारी है.
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में प्रचंड बहुमत
चुनाव आयोग के आकंड़ों में बीजेपी ने तीन राज्यों- मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बढ़त बना ली है। दोपहर 12.45 बजे चुनाव आयोग के आकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में बीजेपी 161 सीट पर आगे चल रही है। यहां कांग्रेस 66 सीटों पर आगे चल रही है। मध्य प्रदेश में भाजपा नेताओं ने जश्न मनाना भी शुरू कर दिया है। समाचार चैनलों पर आई तस्वीरों में भोपाल स्थित भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं को ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाचते और मिठाइयां बांटते देखा गया। राजस्थान में भी भाजपा सत्तारूढ़ कांग्रेस से काफी आगे है। यहां की जनता पिछले तीन दशक से हर चुनाव में सरकार बदलती रही है। अभी तक आए रुझानों से ऐसा लग रहा है कि इस बार भी रिवाज कायम रहेगा। यहां भाजपा 113 सीट पर आगे है, जबकि कांग्रेस 70 सीट पर आगे है। छत्तीसगढ़ में शुरुआती रुझानों में सत्तारूढ़ कांग्रेस, बीजेपी से आगे थी और बीच में लगा कि दोनों के बीच कांटे का मुकाबला है लेकिन बाद में बीजेपी ने अच्छी-खासी बढ़त हासिल कर ली। यहां की 90 में से 53 सीटों पर बीजेपी आगे चल रही है जबकि कांग्रेस 36 सीट पर बढ़त बनाए हुए है। तेलंगाना में हैट्रिक की उम्मीद कर रही KCR की BRS को बड़ा झटका लगा है। यहां कांग्रेस 64 सीटों पर आगे है जबकि BRS 40 सीट पर आगे है।
बीजेपी की जीत पीएम के प्रति विश्वास का नतीजा
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों की मतगणना के रुझानों में बीजेपी को अधिक सीट मिलने से उत्साहित मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुनावी सभाएं एवं अपील जनता के दिल को छू गईं और ये रुझान उसका परिणाम है। शिवराज चौहान ने भोपाल में मीडिया से कहा, “मध्यप्रदेश में भाजपा की यह शानदार विजय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति असीम श्रद्धा और अकाट्य विश्वास को दर्शाते हैं। उन्होंने जो सभाएं कीं, जनता से अपील की, वे जनता के दिल को छू गईं। उसी की वजह से यह परिणाम एवं रुझान आ रहे हैं।”
‘कांग्रेस की हार नहीं, वामपंथ की हार‘
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि यह कांग्रेस की हार नहीं, वामपंथ की हार है। कुछ दिनों से कांग्रेस में कुछ ऐसे नेता घुस आए थे, उनका बड़ा प्रभुत्व है। कांग्रेस के सभी फैसलों में उनकी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका है। वो कुछ नेता कांग्रेस को महात्मा गांधी के रास्ते से हटाकर वामपंथ के रास्ते पर ले जाना चाहते हैं और ले जा रहे हैं। जो कांग्रेस पार्टी महात्मा गांधी के रास्ते पर चलकर आई है, उसे आज सनातन विरोधी के नाम से पहचाना जाना लगा है। कांग्रेस ने अगर उन्हें नहीं निकाला तो उसकी हालत AIMIM जैसी हो जाएगी।
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