उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पहला डिटेंशन सेंटर बनकर तैयार हो गया है। योगी सरकार जल्द इसकी शुरूआत करने जा रही है। जानकारी के अनुसार गाजियाबाद में समाज कल्याण विभाग के तहत एक बिल्डिंग में इस डिटेंशन सेंटर की शुरुआत करने की तैयारी है. सूत्रों के अनुसार इस संबंध में केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है, केंद्र की तरफ से अनुमति मिलने का इंतजार हो रहा है।
100 लोगों के रखने की क्षमता वाला है डिटेंशन सेंटर
बताया जाता है कि इस डिटेंशन सेंटर में 100 लोगों को रखने की व्यवस्था की गई है. बताया जा रहा है कि ये डिटेंशन सेंटर ओपन जेल की तरह होगा और यहां सिर्फ विदेशियों को ही रखा जाएगा. इनमें वो भी होंगे, जो अवैध रूप से प्रदेश में रह रहे हैं. सभी को मूलभूत सुविधा दी जाएंगी. यहां रखे जाने वाले वो लोग होंगे, जो जेलों में सजा काट चुके हैं और जिन्हें अपने देश भेजने में वक्त लग रहा है।
डिटेंशन सेंटर के इमारत का काम भी पूरा हो चुका है. दरअसल योगी सरकार ने यहां पहले से बने दो अंबेडकर हॉस्टल को डिटेंशन सेंटर में बदलने का प्रस्ताव रखा था. ये लंबे समय से बंद पड़े हैं. अब इनमें से एक में बाड़बंदी के साथ सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है. समाज कल्याण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार यह डिटेंशन सेंटर ओपन जेल की तरह होगा, यहां सिर्फ विदेशियों को ही रखा जाएगा. सेंटर में हर एक कैदी को सभी मूलभूत सुविधाएं दी जाएंगी.
क्या होता है डिटेंशन सेंटर?
डिटेंशन सेंटर में फॉरेनर्स एक्ट, पासपोर्ट एक्ट का उल्लंघन करने वाले विदेशियों को रखा जाता है. प्रत्यर्पण न होने तक इन्हें यहीं रखा जाता है. देश में इस समय 11 डिटेंशन सेंटर हैं. असम में 6 डिटेंशन सेंटर हैं, वहीं दिल्ली, गोवा, राजस्थान, पंजाब, बेंगलुरु में भी डिटेंशन सेंटर हैं।
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