PMCH प्रशासन ने हाईकोर्ट में कबूला ऑक्सीजन घोटाले की बात, कहा भविष्य में कोई शिकायत का मौका नहीं होने देंगे

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में लगातार कई मरीजों ने आक्सीजन के अभाव में दम तोड़ दिया। वहीं पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (PMCH) में हुए आक्सीजन घोटाले को हस्पताल प्रशासन ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान गुरुवार को अस्पताल प्रशासन ने पटना हाईकोर्ट में भविष्य में कोई शिकायत नहीं मिलने का आश्वासन दिया है। अस्पताल प्रशासन ने जब ऑक्सीजन की व्यवस्था व मरीजों के हितों की देखरेख सहित तीन कमेटियों को बनाने की बात कही तो कोर्ट ने हर 15 दिन पर कमेटियों की रिपोर्ट देने का आदेश दिया। बतादें कि इस मामले पर अगली सुनवाई 25 मई को होगी।

पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान आक्सीजन आपूर्ति में घपले की आशंका जताते हुए कोर्ट मित्र की रिपोर्ट को अस्पताल प्रशासन ने शपथ पत्र पर स्वीकार किया है। गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की खंडपीठ ने पीएमसीएच की ओर से दायर शपथ पत्र पर भी सुनवाई की। इसमें कहा गया है कि कोर्ट मित्र एडवोकेट मृग्यांक मौली ने लोकहित में एक सराहनीय काम किया है और उनकी रिपोर्ट को अस्पताल प्रशासन विवादित नहीं करना चाहता है। कोर्ट मित्र की रिपोर्ट के आलोक में बताया गया कि अस्पताल प्रबंधन ने इसके मद्देनजर पीएमसीएच में सीनियर डॉक्टर्स की तीन अलग-अलग कमेटियां गठित कर दी हैं। एक कमेटी मरीजों के स्वजनों की समस्याओं के लिए भी है।

हाईकोर्ट ने पीएमसीएच को निर्देश दिया कि हर 15 दिन पर उक्त तीनों कमेटियों की रिपोर्ट कोर्ट मित्र अधिवक्ता मृगांक मौली को सौंपा करे। अस्पताल प्रशासन ने यह आश्वासन दिया कि भविष्य में आक्सीजन आपूर्ति से संबंधित कोई शिकायत नहीं मिलेगी।