उत्तरप्रदेश में होनेवाले विधानसभा चुनावों को लेकर सभी पार्टियां सक्रिय हैं। सभी पार्टियां के बीच एक दूसरे पे आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। भाजपा सरकार की ओर से करीब 5 दिन पहले लखनऊ में विभिन्न चौक-चौराहों पर पोस्टर लगाए गए थे। जिसमें पिछली अखिलेश यादव की सरकार और वर्तमान की योगी आदित्यनाथ की सरकार की तुलना की गई थी। माना जा रहा है कि इस पोस्टर के जवाब में समाजवादी पार्टी ने अखबार में विज्ञापन छपवाया हैं।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों के बीच पोस्टर वॉर के बाद अब अखबार वॉर का सिलसिला शुरू हो चुका है। समाजवादी पार्टी की ओर से गुरुवार को एक विज्ञापन छपवाया गया। ‘बहुत फर्क है’ ।
जिसमे उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के कार्यों को बताया गया है।
इस विज्ञापन के बाद भाजपा ने इसके प्रतिक्रिया में शुक्रवार को ‘फर्क साफ है’ टैगलाइन से विज्ञापन छपवाया है। भाजपा ने विज्ञापन में योगी सरकार के पांच साल की उपलब्धियों के बारे में बताया है। साथ ही अखिलेश यादव के 5 साल और योगी आदित्यनाथ के 5 साल के कार्यकाल की तुलना की गई है।
भाजपा की ओर से अखबारों में छपवाए गए विज्ञापन में डबल इंजन की सरकार के उपलब्धियों के बारे में बताया गया है और उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के कामों से उसकी तुलना की गई है। विज्ञापन के जरिए भाजपा ने मेडिकल कॉलेज, एक्सप्रेसवे, इंटरनेशनल एयरपोर्ट, किसानों की कर्जमाफी, किसानों की मदद आदि की तुलना पूर्व की अखिलेश सरकार से की है।
पोस्टर और अखबार वॉर का यह कोई नया मामला नही है आपको बता दें कि इससे पहले इलाहाबाद में भी समाजवादी पार्टी की ओर से पोस्टर लगाए गए थे। पोस्टर में लिखा था कि भाजपा साफ है। इससे पहले भाजपा की ओर से लखनऊ में लगाए गए पोस्टर में सपा पर टारगेट करते हुए लाल टोपी को भ्रष्टाचार और अपराध से जोड़कर दिखाया गया था।
इस पर सपा कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताते हुए बीजेपी पर सपा की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया था। इसके विरोध में सपा कार्यकर्ताओं ने भी कोरोना काल मे शव दफनाने और हाथरस में युवती का शव रात में दफनाने जैसी तस्वीर लगाकर बीजेपी को घेरने की कोशिश की थी।
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