बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज सूबे को देंगे मुंगेर-खगड़िया श्रीकृष्ण सेतु का उपहार।

लंबे इंतजार की घड़ी आज समाप्त हो जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को गंगा पर बने मुंगेर-खगड़िया श्रीकृष्ण सेतु का लोकार्पण करेंगे।

साथ ही मुंगेर-भागलपुर सीमा पर नवनिर्मित घोरघट पुल का भी शुभारंभ करेंगे। दोनों पुल पूरी तरह बनकर तैयार है। श्रीकृष्ण सेतु चालू होने के बाद मुंगेर से सीधा उत्तर बिहार, कोसी और सीमांचल के जिले जुड़े जाएंगे। घोरघट पुल शुरू होने से पटना को मुंगेर के रास्ते भागलपुर से जोडा जाएगा।

मुख्यमंत्री पहले घोरघट पुल का लोकार्पण करेंगे, इसके बाद लाल दरवाजा स्थित समारोह स्थल से श्रीकृष्ण सेतु का। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राज्य मंत्री नितिन गडकरी वर्चुअल माध्यम से इस लोकार्पण समारोह में शामिल होंगे। दरअसल, घोरघट पुल 2007 में क्षतिग्रस्त हो गया था। 14 वर्षों के बाद यह पुल बनकर तैयार हुआ है। अब यात्री बसों व बड़े मालवाहक वाहनों का भी इस सड़क मार्ग से परिचालन शुरू हो जाएगा। घोरघट पुल की लंबाई दोनों तरफ के एप्रोच को मिलाकर आठ सौ मीटर के आसपास है।

श्रीकृष्ण सेतु का शिलान्यास तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 20 वर्ष पहले 2002 में किया था। डबल डेकर इस पुल पर नीचे से ट्रेनें गुजरती हैं, ऊपर में वाहनों का परिचालन होगा। 12 मार्च, 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्रेन परिचालन को हरी झंडी दिखाई थी। एप्रोच पथ नहीं बनने से वाहनों का परिचालन अबतक शुरू नहीं हो सका था। पुल की लंबाई 3.692 किमी है। मुंगेर और बेगूसराय तरफ से पुल के एप्रोच पथ की लंबाई कुल 14.5 किमी है।

2007 में घोरघट स्थित पुराने अंग्रेजों के बेली ब्रिज के क्षतिग्रस्त होने के बाद बड़े वाहनों का परिचालन बंद कर दिया गया। 2009 में 11 करोड़ की लागत से पुल निर्माण का टेंडर निकाला गया, पुल निर्माण का कार्य 2011 में शुरू हुआ। भागलपुर की तरफ एक पाया टेढ़ा हो जाने, जमीन अधिग्रहण में कठिनाई तथा पुल निर्माण की लागत बढ़ने के कारण कंपनी ने काम छोड़ दिया। 2020 में पुल निर्माण निगम को मिला काम। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम को घोरघट पुल बनाने का काम दिया गया। निगम ने 2022 के जनवरी माह में पुल का निर्माण पूरा कर लिया गया।