यूपी में अब तक का सबसे बड़ा बजट हुआ पेश, अयोध्या पर मेहरबान योगी सरकार

योगी सरकार ने वर्ष 2020-21 का बजट पेश कर दिया. सरकार ने इस बार विधानसभा में 512860.72 करोड़ का बजट पेश किया है जो कि पिछले वितीय वर्ष की तुलना में 33 हजार 159 करोड़ रूपए अधिक है. साल 2019 में 4 लाख 79 हजार करोड़ का बजट पेश हुआ था. मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश करते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए योगी सरकार ने 10 हजार 967 करोड़ 87 लाख की नई विकास योजनाओं के वित्त पोषण के प्रस्ताव को बजट में शामिल किया है.

मदरसों के लिए 479 करोड़ रुपये

वित्तीय वर्ष 2020-21 में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के तहत योगी सरकार ने प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के लिए 783 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है. मान्यता प्राप्त मदरसों व मकतबों के लिए 479 करोड़ रुपये दिए हैं.

अयोध्या में पर्यटक सुविधाओं के लिए 85 करोड़ की व्यवस्था

योगी सरकार ने अयोध्या में उच्चस्तरीय पर्यटक अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 85 करोड़ की व्यवस्था की है. वहीं वाराणसी में संस्कृति केंद्र की स्थापना के लिए 180 करोड़, पर्यटन इकाई के प्रोत्साहन के लिए 50 करोड़ की व्यवस्था की गई है. यही नहीं गोरखपुर के रामगढ़ ताल में वाटर स्पोर्ट्स के लिए 25 करोड़ रुपये और काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए 200 करोड़ की व्यवस्था की गई है.

किसान पेंशन योजना के लिए 1459 करोड़ रूपए

योगी सरकार ने समाज कल्याण में वृद्धावस्था/किसान पेंशन योजना के लिए 1459 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है. पिछड़े वर्ग के छात्र छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति योजना के लिए 1375 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए 1251 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के लिए 500 करोड़ रुपये, मुख्यमंत्री सामूहिक योजना के लिए 250 करोड़ की व्यवस्था की गयी है. निराश्रित महिला पेंशन योजना के लिए 1432 करोड़ रुपये, पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना के लिए 122 करोड़ रुपये दिए गए हैं. मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के लिए 1200 करोड़ रुपये, निराश्रित महिला पेंशन योजना के लिए 1432 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.

दिल्ली-मेरठ हाई स्पीड कॉरिडोर के लिए 900 करोड़

दिल्ली से मेरठ के लिए बन हाई स्पीड कॉरिडोर के लिए अलग से राशि जारी की गयी है. दिल्ली से मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के लिए 900 करोड़ दिए गए हैं. कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के लिए 358 करोड़ रुपये, आगरा मेट्रो रेल परियोजना के लिए 286 करोड़ रुपये, गोरखपुर और अन्य शहरों की मेट्रो के लिए 200 करोड़ रुपये दिए गए.