बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा पेपर लीक मामले का कौन है दोषी, कब आयोजित होगी अब ये परीक्षा।

रविवार को आयोजित की गई बिहार लोक सेवा आयोग की 67वीं प्रारंभिक परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के बाद इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। सोशल मीडिया के अलग अलग ग्रुप पर प्रश्न पत्र परीक्षा से कुछ मिनट पहले ही वायरल होने लग गया था। परीक्षा खत्म होने के बाद वायरल प्रश्न पत्र से मूल प्रश्न पत्र का मिलान कराया गया तो दोनों में एक ही प्रश्न थे।

तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के संयुक्त सचिव व परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि उन्हें पेपर लीक होने की जानकारी टीवी चैनलों द्वारा प्रशारित खबर से हुई। इस मामले में आयोग के अध्यक्ष आरके महाजन ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। इसके बाद जांच कमेटी ने कुछ घंटों के भीतर ही अपनी रिपोर्ट आयोग के अध्यक्ष को सौंप दी। जिसके बाद परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया गया।

आरा में छात्रों का हंगामा
आरा के वीर कुंवर सिंह कालेज परीक्षा केंद्र पर परीक्षार्थियों ने पेपर लीक के आरोप में हंगामा कर दिया। छात्रों ने आरोप लगाया कि परीक्षा केंद्र पर कुछ परीक्षार्थियों को मोबाइल के साथ परीक्षा केंद्र में घुसने की इजाजत दी गई थी। उन्हें समय से पहले ही प्रश्नपत्र लीक कर दिया गया था, तथा एक खास कमरे में अलग से बैठाकर परीक्षा ली गई। जबकि वहीं दूसरे परीक्षार्थियों को विलंब से प्रश्नपत्र दिया गया था।

कुछ छात्रों को पहले ही दिया गया था प्रश्न पत्र
परीक्षार्थियों का आरोप है की परीक्षा केंद्र पर कुछ छात्रों को समय से पहले ही प्रश्न-पत्र दे दिए गया था। उन लोगों की नीचे के दो अलग कमरों में बिठाया गया था। वहीं जब परीक्षा का समय शुरू हो गया और छात्रों को कुछ मिनट तक प्रश्न पत्र नहीं मिला तब परीक्षार्थियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। जहां पहले से कुछ परीक्षार्थियों को प्रश्न पत्र दे दिया गया था और वो प्रश्न पत्र हल कर रहे थे इसके साथ ही उनके पास मोबाईल भी था। इसके बाद छात्रों ने परीक्षा केंद्र के गेट पर जमकर हंगामा किया।

आगे की जांच के लिए साइबर सेल से मदद
घटना की सूचना पाकर भोजपुर के डीएम रोशन कुशवाहा ने परीक्षा केंद्र पर पहुँच कर सभी प्रश्न पत्रों को सील करवा दिया। डीएम ने कहा कि परीक्षार्थियों से लिखित शिकायत मांगी गई है। उन्‍होंने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर अंतिम फैसला बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) करेगा। इसके कुछ ही घंटों बाद जांच कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद आयोग ने परीक्षा रद्द कर दी। मामले में आगे की जांच के लिए साइबर सेल की मदद ली जाएगी।

छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ का यह कोई नया मामला नहीं है। राज्य में शिक्षा का क्षेत्र कितना बदहाल हो चुका है वह इन दिनो की घटनाएं बखूबी बयां करती हैं। चाहे वह 10वीं, 12वीं की बिहार बोर्ड परीक्षा की बात हो, उर्दू शिक्षक के द्वारा मनोविज्ञान की कॉपी जांच की बात हो या अब बीपीएससी प्रारंभिक पत्र के लीक होने का मामला हो। फिलहाल परीक्षा पत्रों को लीक करने वालो की तलाश में बिहार पुलिस और बिहार साइबर सेल जुट चुकी है। धांधली के इस मामले में क्या जांच एजेंसियों को सफलता मिल पाएगी या राजनीतिक पार्टियों का प्रेशर यहां भी अपना वर्चस्व दिखलाएगा। देखना बड़ा दिलचस्प होगा।