लॉकडाउन में तेजस्वी यादव का जबरदस्त भाषण, सरकार की तो धज्जियां उड़ा डाली

बिहार में कोरोना संक्रमण और बाढ़ को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने फिर सरकार पर हमला बोला है। सीधे-सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने बिहार की दुर्दशा का बखान किया है।

कोरोना और बाढ़ की दोहरी मार झेल रहा बिहार

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार कोरोना और बाढ़ को लेकर दोहरी मार झेल रहा है, लोग त्राहिमाम कर रहे हैं और राज्य के मुख्यमंत्री 130 दिन से भी ज्यादा हो गया वो सोए हुए हैं। सोशल मीडिया में कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जो मरीजों के परिजनों ने बनाया है, बिहार की स्थिति नाजुक है, सरकार को समय समय पर सलाह दिया है पर सरकार इसपर गौर नही करती हैं,सरकार और एनडीए के लोग वर्चुअल रैली करते हैं लेकिन लोगों की जान और बाढ़ की चिंता नही है, जो भी लोग कोरोना पॉजिटिव हुए हैं उससे लोग मर रहे हैं लाशों का ढेर लगा हुआ है उसकी चिंता नही है, सरकार के तरफ से कोई उन्हें देखने तक नही जा रहा है सरकार पूरी तरह से भगवान भरोसे है। टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने की लगातार मांग करते रहे हैं अभी पटना लॉक डाउन है और आगे इसको बढ़ाया जाएगा या नही।

बिहार की जनसंख्या के मात्र 0.35 फीसद हीं टेस्ट हुए

तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार की आबादी 12 से 13 करोड़ है और अबतक जो टेस्ट हुए हैं वो पूरे बिहार के जनसंख्या का केवल 0.35 फीसदी ही टेस्ट हुआ है। प्रति दस लाख आबादी को लेकर देखा जाए तो दस लाख लोगों में केवल 3508 लोगो का ही जांच हो रहा है ऐसे स्थिति में हम कोरोना से कैसे लड़ेंगे।

अस्पतालों में बदइंतजामी

तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के अस्पतालों में बदइंतजामी की इंतहा हो गयी है। डॉक्टर तक को पीपीई किट उपलब्ध नही है, आज पटना के सिविल सर्जन भी पॉजिटिव हुए हैं फिर समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, में डॉक्टरों की मौत हुई है बडी संख्या में डॉक्टर से लेकर मंत्री अधिकारी, जनप्रतिनिधि भी संक्रमित हुए हैं।

नीतीश जी के चेहरे पर धूल है, वो आइना बदल रहे

तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार के चेहरे पर धूल है और वो बार-बार आईना बदल रहे हैं, मेरा कहना है कि बिहार में उनके वजह से पूरे बिहार में कुव्यवस्था फैला आज जो स्थिति है उसको नीतीश कुमार ने बद से बदत्तर बना दिया। बिहार पहला राज्य है जहाँ विपदा के घड़ी में नीतीश कुमार ने तीसरा स्वास्थ्य विभाग के सचिव को बदला है।कोरोना के लड़ाई में बार बार कप्तान बदलने से स्थिति बिगड़ सकती है। मंगल पांडे को टिकटोक से समय नही, चमकी बुखार के समय क्रिकेट में व्यस्त थे, चार माह में एकबार एनएमसीएच गए हैं वो भी विपक्ष के लगातार दबाव के कारण।

केंद्र से तीन सदस्यीय टीम यहां आई थी सर्वेक्षण में उनका रिपोर्ट में यहां के हॉस्पिटल की वास्तविकता दिखी है कि किस तरह अस्पताल के कॉरिडोर में जहाँ तहां लाशें पड़ी है, बेड पर लाश पड़ी है और पेसेंट के अटेंडेंट बेचैनी में अंदर बाहर कर रहे थे, कोई डॉक्टर कोविड मरीज के समीप नही जाना चाहता, सारा सिस्टम ध्वस्त है। बिहार सरकार पैसा ही नही खर्च कर रही है कोविड से लड़ने के लिए पर यहां ये पैसा खर्च का दावा करते हैं तो इसमे पूरा भ्रष्टाचार हुआ है, रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि जमीनी स्तर पर कोई पैसा ही खर्च नही किया जा रहा तो सवाल उठ रहा है कि ये पैसे जा कहा रहा है।बिहार तो रैपिड एंटीजन किट्स तक नही खरीद रही है। बिहार में रिक्वायरमेंट चार लाख की है पर सरकार खरीद नही रही।

12 करोड़ की आबादी में मात्र 20 हजार टेस्टिंग किट की उपलब्धता

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यहां इनके पास 12 करोड़ की आबादी में मात्र 20 हजार टेस्टिंग किट की उपलब्धता ही है इस मामले को लेकर सरकार गंभीर नही है।
नीति आयोग के रिपोर्ट में भी बिहार सबसे फिसड्डी राज्य है स्वास्थ्य मामले में, डॉक्टरों की कमी है कर्मचारियों की कमी है हमने सवाल खड़े किए पर सरकार के पास कोई जवाब नही।

सेंट्रल कमिटी की टीम ये बातें कह रही है इन्होंने चार हजार डॉक्टरों के नियुक्ति की फाइल, छह हजार नर्सिंग स्टॉप की फाइल सेक्रेटरी और मंत्रियों के टेबल पर ही घूम रही है उनकी नियुक्ति नही की जा रही जिस वजह से बिहार ऐसे स्थिति को झेल रहा है।
बाढ़ नियंत्रण के बजाय बाढ़ को यहां निमंत्रण दिया जा रहा है, पुल पुलिया टूट रहे और जब हम कहते थे तो ये मानते नही थे अब गोपालगंज के ही बीजेपी के विधायक ने साफ तौर पर नीतीश कुमार और उनके मंत्री पर ये आरोप लगाया है कि जेडीयू के र्भ्ष्टाचार के कारण ये स्थिति उतपन्न हुई है।बाढ़ से भी स्थिति भयावह है सरकार लोगो को बचाने में असमर्थ है उनके न रहने की व्यवस्था है न खाने की, प्राथमिक उपचार से लेकर पशुओं के चारा की भी व्यवस्था नही है। सरकार से हमारी मांग है कि उनके खाते में बीस हजार रुपए तत्काल भेजे, सरकार को आंकड़े बताने चाहिए कि कितने लोग प्रभावित हुए।