बिहार में बीते कुछ दिनों से शराबबंदी को लेकर हंगामे का दौर जारी है इस सब के बीच केवल विपक्ष ही नही सत्ता पक्ष के साथियों के निशाने पर आए मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि किसी के नजदीकी वाला कोई भी आदमी शराब के मामले में गड़बड़ी करता है तो उसे सीधे अंदर कर दें। शराब बीमारियों और मौत का बड़ा कारण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डब्लू0एच0ओ0 ने स्वास्थ्य से संबंधित वर्ष 2018 में सर्वे रिपोर्ट जारी किया था, जिसमें बताया गया था कि एक वर्ष में जितनी मृत्यु होती है उसमें 5.3 प्रतिशत लोगों की मृत्यु शराब सेवन के कारण होती है। ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस सप्ताह के अवसर पर BMP5 में आयोजित समारोहिक परेड में बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर कहीं।
उन्होंने शराबबंदी से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ गंभीर कार्रवाई होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2016 से जनवरी 2021 तक 255111 मामले दर्ज हुए हैं।
उन्होंने कहा कि शराबबंदी में शिथिलता बरतने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई हो रही है। अप्रैल 2016 से जनवरी 2021 तक शराबबंदी से संबंधित 02 लाख 55 हजार 111 मामले दर्ज किये गये हैं। लगभग 51.7 लाख लीटर देसी शराब और 94.9 लाख लीटर विदेशी शराब जब्त की गई। 03 लाख 39 हजार 401 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई। 470 अभियुक्तों को न्यायालय से सजा मिली। पुलिस और मद्य निषेध के 619 कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही, 348 पर एफआईआर और 186 कर्मियों को बर्खास्त किया गया। 60 पुलिस अधिकारी थानेदार बनने से वंचित हुए हैं। कहा कि शराबबंदी में मेरा कोई स्वार्थ नहीं है, लोगों के हित में मैं इसे छोड़ने वाला नहीं हूं।
कुछ लोग अपने आप को बड़ा ज्ञानी समझते हैं पर लिखते गड़बड़ हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 90% लोग अच्छे हैं महज 10% इधर से उधर में रहते हैं। सीतामढ़ी की घटना पर उन्होंने कहा कि पुलिस पहुंची तो धंधा करने वालों ने गोली चला दी। हमेशा पुलिस को टीम में भेजें, इक्का-दुक्का ना जाएं। जब तक धरती है बापू के विचार जिंदा रहेंगे।
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