चुनाव से पहले उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में बगावत, सुपौल में जदयू प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय उतरेंगे बैद्यनाथ मेहता

सुपौल में लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए से बागी हुए राष्ट्रीय लोक मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व आईआरएस वैद्यनाथ मेहता ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। सुपौल के सिमराही नगर पंचायत स्थित एक होटल में प्रेसवार्ता कर अपनी उम्मीदवारी का एलान किया है। इस दौरान उन्होंने एनडीए और इंडी गठबंधन पर जमकर हमला बोला। वैद्यनाथ मेहता ने कहा कि एनडीए और इंडी गठबंधन के शीर्ष नेताओं ने उनके साथ बड़ी साजिश की है।

बैद्यनाथ मेहता ने आरोप लगाते हुए कहा कि सर्वे में सबसे आगे रहने के बाद भी मुझे टिकट नहीं दिया गया, इसलिए जनता और किसान की खुशहाली के लिए 19 अप्रैल को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में वह अपना नामांकन दाखिल करेंगे। उन्होंने कहा कि वैद्यनाथ के साथ किसी भी दल की ताकत नहीं है। उनके साथ सुपौल की जनता की ताकत है। हम उनके दिल में बसते हैं और उनका प्यार और समर्थन हमें मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हमने पिछले एक साल से सुपौल लोकसभा क्षेत्र में युवा-मजदूर और किसान की खुशहाली के लिए पलायन रोकने के मुद्दे पर संघर्ष किया है। राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव के पद पर कार्यरत थे। हमने सोचा था कि सीट बंटवारे में सुपौल लोकसभा क्षेत्र से मुझे टिकट मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एनडीए ने चुनाव को लेकर लोकसभा क्षेत्र में सर्वे करवाया था। उसमें 69 प्रतिशत समर्थन मुझे मिला था, जबकि अन्य को 31 प्रतिशत लोगों का ही समर्थन मिला।

19 अप्रैल को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भरेंगे नामांकन का पर्चा

बैद्यनाथ मेहता ने कहा कि वह 19 अप्रैल को सुपौल संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पर्चा भरेंगे। इसके साथ ही शहर के गांधी मैदान में एक विशाल जनसभा का भी आयोजन किया जाएगा। बीते साल राष्ट्रीय लोक मोर्चा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू से अलग होकर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का गठन किया था। तब वैद्यनाथ मेहता ने आईआरएस से वीआरएस लेकर पार्टी की सदस्यता ली थी। उपेंद्र कुशवाहा ने तब उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया था। हालांकि बाद में पार्टी का नाम बदल कर राष्ट्रीय लोक मोर्चा हो गया। एनडीए में सीट बंटवारे की घोषणा के साथ ही वैद्यनाथ मेहता ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ दी थी