बिहार विधानसभा का 100 साल पुरे होने पर शताब्दी समारोह का आयोजन किया जा रहा है, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शताब्दी समारोह कार्यक्रम का शुभारंभ किया.
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी समेत कई नेता मौजूद हैं. शताब्दी समारोह के मौके पर विधानसभा में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.
विधानसभा ने अपने स्वर्णिम इतिहास के 100 साल पूरे किए
बिहार विधानसभा ने अपने स्वर्णिम इतिहास के 100 साल पूरे कर लिए हैं. आज से ठीक 100 साल पहले 7 फरवरी 1921 को बिहार विधान सभा की पहली बैठक आयोजित हुई थी. पहले सत्र और उसके लिए अधिसूचित भवन में पहली बैठक का आयोजन किया गया था. उसके पहले बिहार उड़ीसा विधान परिषद कहलाता था.
आज का दिन बिहार के लिए ऐतिहासिक
शताब्दी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधासनभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि आज से ठीक 100 साल पहले बिहार विधानसभा भवन में लोकतंत्र की पहली बैठक हुई थी. आज का दिन बिहार के लिए ऐतिहासिक है. यह भवन कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है. उन्होंने पूरे साल शताब्दी समारोह के आयोजन होने की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की भी इस मौके पर चिट्ठी आई है. उन्होंने बिहारवासियों को इस ऐतिहासिक दिन बधाई दी है.
रेणु देवी ने विस अध्यक्ष का नाम गलत बोल फिर किया सही
बिहार की डिप्टी सीएम रेणु देवी अपने संबोधन के दौरान एक बार फिर से फंस गई। संबोधन के शुरूआती दौर में ही डिप्टी सीएम फंस गई। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष का नाम ही गलत बोल दिया है। फिर समझने पर सॉरी बोली. दरअसल डिप्टी सीएम रेणु देवी कार्यक्रम के संबोधन के दौरान विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा का नाम गलत बोल दिया। डिप्टी सीएम बोलने के दौरान फिर फंस गई। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को विजय प्रसाद श्रीवास्तव कह दिया। इसके बाद आभास होने पर सॉरी कह कर सुधार किया।
विधायकों का सम्मान खत्म हो गया- राजद
राजद के विधायक अवध बिहारी चौधरी ने सीएम नीतीश से कहा कि आज विधायकों का सम्मान खत्म हो गया है। आज विधायक फिल्ड में जाते हैं तो अधिकारी प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते। अधिकारी अब विधायकों को कोई तवज्जो नहीं देते। आज मान-सम्मान में कमी हो गई है। अगर विधायक कहीं जाता है तो अधिकारी को खड़ा होकर रिसीव करना है,कोई काम कहता है तो अधिकारियों को तत्काल करना चाहिए। लेकिन ऐसा होता नहीं है,इसलिए मुख्यमंत्री इस पर संज्ञान लें
माले के विधायक महबूब आलम के बयान पर विवाद
भाकपा माले के विधायक महबूब आलम के बयान पर विवाद बढ़ गया। अपने संबोधन में भाकपा माले विधायक ने कहा कि विधानसभा के बाहर शहीद स्मारक है। आज वहां पर तिरंगा झंडा लगना चाहिए था। लेकिन अफसोस के साथ यह कहना पड़ रहा है कि वहां तिरंगा की जगह भाजपा का झंडा लगा है। उनके इस बयान के बाद भाजपा के विधायक आक्रोशित हो गए और टोका टोकी शुरू कर दी। इसके बाद महबूब आलम के एक और बयान पर विवाद बढ़ गया। सत्ता पक्ष के विधायकों ने माले विधायक की बात को अससंदीय करार देते हुए बोलने लगे। इसके बाद विधान सभा अध्यक्ष ने हस्तक्षेप किया और मामले को शांत किया
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