बिहार के प्रभारी डीजीपी कौन है इसकी जानकारी बिहार पुलिस की वेबसाइट पर नहीं मिलती। यही नहीं डीजीपी लिखकर तस्वीर लगाने की जगह को बिना तस्वीर के ही छोड़ा गया है। इसके ठीक बगल में सीएम नीतीश कुमार की तस्वीर लगी हुई है। जबकि बिहार में गुप्तेश्वर पांडेय के बाद से एस के सिंघल को डीजीपी का प्रभार दिया गया है। पर पुलिस की वेबसाइट से उनकी तस्वीर गायब है।
सीएम की हाईलेवल मीटिंग के बाद अपराधी मस्त
बिहार मेें क्राइम अनकंट्रोल हो गया है। वहीं 28 नवंबर को मुख्यमंत्री ने राज्य में बढ़ते क्राइम को कंट्रोल करने और लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने के लिए हाई लेवल मीटिंग की थी। हर हाल में कुख्यात अपराधियों पर शिकंजा कसने का आदेश दिया था। नीतीश कुमार के आदेश के चंद घंटों के अंदर ही चिरैयाटांड़ पुल पर लूट के दौरान सरकारी स्कूल की टीचर की गोली मारकर हत्या कर दी। वो भी तब जब महिला अपने पति के साथ थी। इस हत्या के बाद राजधानी की चार थानों की पुलिस अपने क्षेत्र को लेकर उलझी रही और कई घंटों बाद एफआईआर दर्ज हुआ। इस वारदात के चंद घंटों के बाद ही दानापुर में रविवार की शाम अपराधियों ने एक मजदूर को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया।
महज 14 दिनों में 30 बड़े आपराधिक वारदात
16 नवंबर से लेकर 29 नवंबर तक महज 14 दिनों में ही ताबड़तोड़ 30 बड़े आपराधिक वारदातों को अपराधियों ने अंजाम दिया। ये वारदातें सरकार और उसके पुलिसिया व्यवस्था की पोल साफ तौर पर खोल रही हैं।
You must be logged in to post a comment.