जातिगत जनगणना का निकलता है कोई विकल्प या फिर बढ़ने वाली है सियासी गलियारों की गर्मी, आज सर्वदलीय बैठक के बाद हो जाएगा इसका ऐलान…..

राज्य में जातिगत जनगणना के मुद्दे पर विचार के लिए बुधवार यानी की आज सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। जिसके लिए राज्य सरकार ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है। तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष दल के नेतागण भी राज्य में जातीय जनगणना को लागू करवाने के लिए कमर कसकर तैयार बैठे हैं। संसदीय एवं शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस बैठक के बारे में बताया कि विधानसभा में प्रतिनिधित्व वाले सभी दलों के प्रतिनिधि आज इस बैठक में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि रुख से पता चलता है कि सभी राजनीतिक दल जातिगत जनगणना से सहमत हैं। चौधरी मंगलवार को जदयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित जन सुनवाई कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

जातिगत जनगणना पर नही मिल पा रहा केंद्र सरकार का मदद।
संसदीय एवं शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि जातिगत जनगणना कराने के लिए हम लोगों ने विधानसभा से दो बार सर्वसम्मति प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा था। सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। केंद्र का कहना था कि अब विलंब हो गया है। राष्ट्रीय जनगणना के फार्मेट में बदलाव संभव नहीं है। केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना कराने में असमर्थता व्यक्त करते हुए यह भी कहा कि अगर कोई राज्य सरकार चाहे तो अपने स्तर से इसे करा सकती है।



आज के सर्वदलीय बैठक के फैसले के बाद तय होगा बिहार में जातीय जनगणना का भविष्य।

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस संबंध में पूर्व में ही घोषणा की थी कि अगर केंद्र सरकार जातिगत जनगणना नहीं कराती है तो हम लोग राज्य स्तर पर इसे कराएंगे। इस संबंध में सभी राजनीतिक दलों से विचार विमर्श कर इसपर एक बैठक बुलाएंगे और उसके बाद कैबिनेट की स्वीकृति लेकर इस पर काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक के फैसले पर अमल किया जाएगा।





बता दें कि आज बिहार सरकार जातिगत जनगणना कराए जाने का स्वरूप तय करने को ले सर्वदलीय बैठक करेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज शाम चार बजे से यह बैठक शुरू होगी। राज्य सरकार अपने संसाधन पर जातीय जनगणना करना चाहती है। पिछले वर्ष 23 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार से दस लोगों के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग की थी। केंद्र सरकार की ओर से यह कहा गया कि जातिगत जनगणना संभव नहीं है।