सात हजार से अधिक लोगों की हो चुकी मौत, मुआवजा के लिए काटने पड़ रहे सरकारी दफ्तरों के चक्कर लेकिन मात्र 662 लोगों को ही मिली सहायता…..

सड़क दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को समय पर मुआवजा नहीं मिल रहा है। परिवहन विभाग सड़क हादसे में मारे गए लोगों में से 10 फीसदी लोगों के परिजनों को भी अबतक मुआवजा उपलब्ध नहीं करा सका है। सरकार की ओर से घोषित पांच लाख का मुआवजा मात्र 662 लोगों को मिल सका है, जबकि हादसे में सात हजार से अधिक लोगों की जान गई है।

पहले सड़क हादसे के शिकार लोगों को आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से सहायता दी जाती थी। 15 सितम्बर 2021 से परिवहन विभाग के माध्यम से ही सड़क हादसे के शिकार लोगों को सरकारी सहायता दी जा रही है। इस वर्ष 15 सितम्बर को एक साल हो गए। बीते एक साल की अवधि में सात हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन विभाग मात्र 662 लोगों को ही सरकारी सहायता दे सका है। सबसे अधिक भोजपुर के 61 परिवारों को पांच-पांच लाख रुपए की सहायता दी गई है। दूसरे स्थान पर नालंदा है जहां 54 और तीसरे पायदान पर समस्तीपुर है जहां 47 मृतक के परिजनों को सहायता मिल सकी है।

विभाग की लचर व्यवस्था के चलते मृतकों के परिजनों को बार बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। ऐसे में मृतकों के परिजनों को गंभीर आर्थिक संकट का सामना भी करना पड़ रहा है। विभाग में मुआवजे को लेकर हजारों फाइलें लगी हुई हैं लेकिन उनपर मुहर लगनी बाकी है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अनुग्रह अनुदान में सबसे अधिक परेशानी विभाग की जटिल प्रक्रिया है।

सड़क दुर्घटना होने पर संबंधित थानाध्यक्ष, स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी या चिकित्सा अधिकारी व स्थानीय जिला परिवहन पदाधिकारी दुर्घटना की पुष्टि करेंगे। अनुमंडल पदाधिकारी मृत्यु की स्थिति में मृतक के आश्रित या गंभीर रूप से घायल को अंतरिम मुआवजा भुगतान की अनुशंसा करेंगे। जिलाधिकारी पैसा देने की मंजूरी प्रदान करेंगे। डीएम की अनुशंसा पर जिला परिवहन पदाधिकारी संबंधित व्यक्ति को भुगतान सुनिश्चित करेंगे। नियमावली के अनुसार विवाहित होने की स्थिति में मृतक का पति या पत्नी, पति-पत्नी के नहीं रहने पर माता-पिता और माता-पिता के नहीं रहने पर पुत्र एवं पुत्री समान रूप से राशि पाने के हकदार होंगे। विवाहित व्यक्ति में अगर माता-पिता या पुत्र नहीं हुए तो बहन व भाई समान रूप से हकदार होंगे। अधिकतम 60 दिनों में इस पूरे मामलों का निपटारा कर लेना है।