पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने से 5 की मौत, आकड़ों में हो सकती है बढ़ोतरी

two persons holding drinking glasses filled with beer

बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बावजूद जहरीली शराब का कहर बार बार देखने को मिलता रहता है। मिली जानकारी के अनुसार छपरा के सारण में जहरीली शराब से 5 लोगों की मौत की हुई है। हालांकि प्रशासन की ओर से शराब से मौत की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इलाके के लोगों के कहना है कि सभी ने शराब पी थी। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। सभी लोग 1 किलोमीटर के आसपास रहते हैं। लोगों का कहना है कि इस डोइला इलाके में बड़े पैमाने पर देसी शराब बनती और बिकती है।

वहीं परिवार वालों का कहना है कि सभी ने शराब पी थी। जैसे ही घर लौटे तो कुछ देर बाद तबीयत बिगड़ने लगी। अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक मौत हो चुकी थी। घटना इसुआपुर थाना क्षेत्र के डोला गांव की है।

मृतकों की पहचान डोइला गांव निवासी संजय सिंह, पिता वकील सिंह; हरिंदर राम, पिता गणेश राम और सीमावर्ती मसरख थाना क्षेत्र के यदुमोड़ निवासी कुणाल सिंह बताए जा रहे हैं। जबकि डोइला निवासी अमित रंजन, पिता विजेंद्र प्रसाद सिन्हा का सदर अस्पताल में इलाज के क्रम में देर रात मौत हो गई। मुकेश शर्मा, पिता बच्चा शर्मा की भी इलाज के दौरान ही मौत हुई है।

बढ़ सकता है मौत का आंकड़ा, छावनी बना सदर अस्पताल लोगों की माने तो मौत का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। जहरीली शराब की भनक प्रशासन को लगते ही सदर अस्पताल छावनी के रूप में तब्दील हो गया। देर रात तक पुलिसकर्मी और प्रशासनिक पदाधिकारी भाग-दौड़ करते देखे गए। हालांकि जहरीली शराब के सेवन पर कुछ भी बोलने से कतराते रहे हैं। तीन लोगों की मौत गांव में ही हो गई थी जबकि चौथे व्यक्ति की मौत इलाज के क्रम में सदर अस्पताल में हो गई है।

शवों का पोस्टमार्टम कराएगा प्रशासन

इस घटना के बाद गांव में चीख-पुकार मच गई। वहीं जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। मढौरा डीएसपी मौके पर पहुंचकर मामले की छानबीन में लगे हुए हैं। पुलिस और अन्य पदाधिकारी इलाके में जाकर अन्य बीमार लोगों की तलाश कर रहे हैं।

इनमें अमित रंजन के उपचार चलने की सूचना के बाद जिला पुलिस बल छपरा सदर अस्पताल पहुंचा। वहां उपचार के क्रम में अमित रंजन की मौत के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया है, इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। ताकि मौत के कारणों की जानकारी हो सके।