नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने के मामले में पटना हाईकोर्ट  ने बड़ा आदेश दिया…

एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मुजफ्फरपुर  के सरैया के डीएसपी  और संबंधित अनुसंधानकर्ता को कोर्ट ने अगली सुनवाई में तलब किया है। जस्टिस चंद्रशेखर झा ने मृत पीड़िता के पिता की दायर याचिका पर सुनवाई की।

बता दें कि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ओम प्रकाश कुमार ने कोर्ट से इस मामले की किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कोर्ट से कहा कि मामले में नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी जल्द से जल्द होनी चाहिए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि जो शपथ पत्र एसएसपी ने दायर किया है, उसे देखने से प्रतीत होता है कि पुलिस अन्य अभियुक्तों को बचाने में लगी है।

गौरतलब है कि एसएसपी ने शपथ पत्र दायर कर बताया था कि इस केस की पुलिसिया जांच में केवल एक व्यक्ति की संलिप्तता ही सामने आई है, इसलिए बाकी अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं किया गया। ऐसे में अभी भी तीन नामजद अभियुक्त पुलिस की गिरफ्तारी से बाहर हैं। मृत पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया है कि 26 अप्रैल 2022 को उसकी बेटी अपने घर से बाहर निकली थी। लेकिन काफी देर बाद भी वह वापस घर नहीं लौटी।

लड़की के परिजन ने उसे खोजने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं मिली। रात के करीब 12:47 बजे एक कॉल आया जिसमें याचिकाकर्ता की पुत्री की आवाज सुनाई दे रही थी। वह दर्द से कराह रही थी, जिसके बाद फोन कट गया और पुनः प्रयास करने पर मोबाइल बंद मिला। दूसरे दिन सुबह में ग्रामीणों द्वारा पीड़ित परिजनों को बताया गया कि याचिकाकर्ता की लड़की घायल अवस्था में पोखर के पास में पड़ी है।

लड़की के परिजनों ने घटनास्थल पर जाकर देखा कि गांव के ही मो. वसीम खान उनकी पुत्री को बोलेरो से हॉस्पिटल, मुजफ्फरपुर की तरफ लेकर जा रहा है। याचिकाकर्ता के अस्पताल पहुंचने के बाद पीड़िता ने बताया कि लगभग आठ लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म किया और जहर दे दिया। दुष्कर्मियों में से एक व्यक्ति मोहम्मद वसीम खान भी है। पीड़िता की मृत्यु पिछले साल 28 अप्रैल को हो गई थी।