IG विकास वैभव के केस में नीतीश ने विकास वैभव को ही दोसी बताया…वैभव को कारण बताओ नोटिस जारी…

बिहार सरकार के गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बाताया कि विभाग की ओर से विकास वैभव को नोटिस जारी कर ये स्पष्टीकरण मांगा गया है कि उन्होंने विभागीय बैठक का ब्योरा सार्वजनिक क्यों किया? गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में इसकी पुष्टि की है कि वैभव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। हालांकि उन्होंने ये बताने से इंकार कर दिया कि विकास वैभव को भेजे गये शो कॉज नोटिस में किन बातों का जवाब मांगा गया है। बता दें कि इससे पहले बिहार पुलिस में होमगार्ड और फायर ब्रिगेड की डीजी शोभा अहोतकर ने भी विकास वैभव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। उनसे पूछा गया है कि उन्होंने विभागीय बैठक की बातें क्यों सार्वजनिक की।

नीतीश ने विकास वैभव को ही दोसी बताया …

विकास वैभव ने ट्वीट किया था कि उनके पास डीजी शोभा अहोतकर की गालियों की रिकार्डिंग भी है। विकास वैभव ने आऱोप लगाया था कि शोभा अहोतकर बिहारियों को लगातार गाली दे रही हैं। लेकिन इन तमाम बातों के बाद भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विकास वैभव को ही गलत ठहरा दिया था। नीतीश ने कहा कि विकास वैभव ने विभाग की बात सोशल मीडिया पर लाकर गलत किया है। विकास वैभव को अगर कोई शिकायत थी तो उन्हें अपने आलाधिकारियों से शिकायत करनी चाहिये थी। हालांकि बाद में ये बात भी सामने आयी कि होमगार्ड के कई अधिकारी बिहार के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव से मिलकर शोभा अहोतकर की गाली गलौज की शिकायत कर चुके थे। लेकिन सरकार ने कोई नोटिस नहीं लिया।

तीन दिन पहले आईपीएस विकास वैभव ने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को लंबी चिट्ठी लिखकर अपने वर्तमान पद से मुक्त करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था कि वे जिस पद पर काम कर रहे हैं वहां उन्हें गंभीर खतरा हो सकता है। उन्हें अपूरणीय क्षति पहुंचायी जा सकती है। इसलिए सरकार उन्हें मौजूदा पद से मुक्त कर दे। लेकिन सरकार ने पद से हटाने के बजाय उन्हें नोटिस जारी किया है।
पहले ही दी थी जानकारी

आईजी विकास वैभव ने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को लिखा था- आपके कार्यालय कक्ष में निजी रूप से मिलकर दिसंबर महीने के प्रथम सप्ताह में ही बताया गया था कि डीजी महोदय अत्यंत अभद्र भाषा का प्रयोग करती हैं। निरंतर गाली दी जा रही। मेरी पत्नी के संबंध में अपमानजनक टिप्पणियां की गई हैं। डीजी के अमानवीय दुर्व्यवहार के कारण ही डीआईजी विनोद कुमार कार्यालय कक्ष में बेहोश हो गए थे। लगभग 45 मिनट के बाद वे होश में आये थे। तब से उनकी तबीयत लगातार खराब है। डीजी कई अफसरों को ‘बिहारी’ बोल कर अपमानित करने का प्रयास कर रही हैं और कहती हैं कि बिहारी कामचोर होते है।

IG वैभव ने पत्र में लिखा था- डीजी मैडम ने सभी के सामने मुझे तीन बार ब्लडी IG कहा। डीआईजी विनोद कुमार को अपमानित करके गेट आउट कहकर सभा कक्ष से बाहर निकाल दिया गया। इन कारणों से मैं अत्यंत विचलित और मानसिक रूप से द्रवित हो उठा। बैठक के बाद हुए अपमान के कारण मुझे पूरी रात नींद नहीं आई। मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए। उसी मनोदशा में देर रात 1:45 एक ट्वीट करने की इच्छा हुई और मैंने ट्वीट कर दिया। परंतु कुछ देर बाद मुझे लगा कि ट्वीट नहीं करते हुए मुझे सरकार को अवकाश के लिए आवेदन देना चाहिए। मैंने ट्वीट को डिलीट कर दिया। ट्वीट डिलीट करने के पश्चात ट्वीट के प्रसारण में मेरी कोई भूमिका नहीं रही है।
विकास वैभव ने लिखा है- राज्य सरकार को मुझे यह अवगत कराना है कि 20 अक्टूबर 2022 को गृह विभाग आईजी होमगार्ड एंड फायर सर्विसेज के पद पर जॉइन करने के बाद मुलाकातों और विभागीय अफसरों की हर बैठक में अनावश्यक, असंसदीय और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए डीजी मैडम मुझे अत्यंत अपमानित करती रही हैं। यह मेरे जैसे कर्तव्यनिष्ठ एवं उत्तरदायी लोकसेवक के लिए बहुत ही बड़ी मानसिक प्रताड़ना रही है।