बिहार में बदल सकता है सियासी समीकरण ? नीतीश के बयान से छलकी दर्द, आज फिर प्रदेश कार्यालय पहुंचे नीतीश कुमार

बिहार में विधानसभा चुनाव के दो महीने हो गए और नई सरकार भी बन गई. लेकिन हाल के दिनों में सियासी मौसम करवट बदलता हुआ नजर आ रहा है। दो महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक नीतीश कैबिनेट का विस्तार नहीं हो पाया है जिससे साफ हो रहा है कि सरकार में सबकुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा  है.

नीतीश कुमार से गृह विभाग की जिम्मेदारी छोड़ने की मांग

वहीं अरुणाचल प्रदेश की घटना का असर बिहार की राजनीति में दिखाई दे रही है. जेडीयू की कार्यकारिणी की बैठक में अरुणाचल मुद्दा छायी रही. बीजेपी की जोड़तोड़ की रणनीति से जदयू नेताओं के बीच हलचल पैदा कर दी है। वहीं भाजपा नेता भी अब लगातार नीतीश कुमार को घेरने में लगे हुए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता संजय पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गृह विभाग की जिम्मेदारी छोड़ने की बात कही।

मुख्यमंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं- नीतीश

वहीं, पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार ने साफ कह दिया है कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं है। दूसरी तरफ, नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को जदयू का अध्यक्ष बनाकर यह साफ कर दिया है कि वह भाजपा नेताओं की जमघट को मुख्यमंत्री निवास में नहीं चाहते हैं। माना जा रहा है कि वह अब भाजपा नेताओं से ज्यादा चर्चा करने के पक्ष में नहीं है। नीतीश कुमार ने कहा कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद वे मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे, लेकिन मित्र दलों और पार्टी नेताओं के कहने पर पद स्वीकार किया. सीएम नीतीश कुमार ने अरुणाचल प्रदेश में ताजा राजनीतिक घटनाक्रम पर आश्चर्य व्यक्त किया. साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी अब देश भर में अपना संगठन विस्तार करेगी.

पीठ में छुरा घोंपने वाले कतई बर्दाश्त नहीं किये जायेंगे

वहीं जेडीयू के नये राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते ही आरसीपी सिंह ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा संभालते हुए कहा कि उनकी पार्टी में अनुशासन महत्वपूर्ण है. पार्टी सिद्धांतों पर चलती है. ऐसे में अनुशासन तोड़ने वाले और पीठ में छुरा घोंपने वाले कतई बर्दाश्त नहीं किये जायेंगे. उन्होंने अरुणाचल प्रदेश की राजनीतिक घटनाक्रम पर भी क्षोभ व्यक्त किया.

लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने से जेडीयू का इनकार

वहीं पार्टी की दो दिवसीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक पार्टी कार्यालय पहुंचे हैं. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में राज्य का सियासी समीकरण बदल सकता है। जदयू नेता विधानसभा चुनाव के समय से ही लोजपा और भाजपा के रिश्ते को लेकर नाराज चल रहे थे. हालांकि लोजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू को कई सीटों पर नुकसान पहुंचाया है जिसको लेकर अभी भी पार्टी में नाराजगी देखी जा रही है. वहीं अब अरुणाचल में हुए घटनाक्रम ने पार्टी नेताओं में रोष पैदा कर दिया है। इसका असर अब देखने को मिलना शुरू भी हो गया है, क्योंकि भाजपा जहां लव जिहाद कानून के लिए राज्य में बिल की मांग कर रही हैं। वहीं, जदयू नेताओं ने इस मुद्दे पर असहमति जताते हुए बिल लाने से इनकार कर दिया है।

कांग्रेस ने नीतीश कुमार को महागठबंधन में आने का दिया ऑफर

कांग्रेस नेता अजित शर्मा ने एक बार फिर से जदयू को एनडीए छोड़कर महागठबंधन के साथ आने का ऑफर दिया है.  कांग्रेस नेता ने एक बार फिर से सीएम नीतीश कुमार को एंट्री का ऑफर देते हुए कहा है कि नीतीश कुमार को एनडीए से बाहर निकल कर महागठबंधन के साथ आना चाहिए. अजित शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सेक्युलर पार्टी नहीं है. जबकि कांग्रेस सेक्युलर पार्टी है और नीतीश कुमार जी सेक्युलर खुद को समझते हैं तो उन्हें एनडीए को छोड़कर महागठबंधन में आना चाहिए