
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आज सुबह 8.00 बजे जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या पिछले 24 घंटों में 11,929 नए मामले आने के बाद बढ़कर इसके 3,20,922 हो गई है। साथ ही देश में संक्रमण से अब तक 9195 लोगों की मौत हो चुकी है, देश के 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सामने आए मामलों में 149348 सक्रिय हैं। जबकि 162379 लोग ठीक/ डिस्चार्ज या माइग्रेट हुए हैं।
बिहार में कोरोना वायरस के 193 नए मामलों के साथ कुल मामले हुए 6,289
बिहार में स्वास्थ विभाग के द्वारा कल शाम आखरी ट्विट कर जारी सुचना के अनुसार अपडेट में कोरोना वायरस के विभिन्न जिलों के 193 नए मामले सामने आए जिसके बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 6,289 हो गई। बिहार में सक्रिय मामलों की संख्या 2586 है जबकि कल शाम 4 बजे जारी आकड़ो के मुताबिक अभी तक इस संक्रमण से 3,686 लोग ठीक हुए हैं और 35 लोगों की मौत हुई है। 3 मई के बाद बाहर से बिहार आने वाले लोगों में से 4,349 व्यक्तियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुयी है।
#BiharFightsCorona
2nd update of the day.
➡️106 more #COVID19 +ve cases in Bihar taking the total to 6289. The details are as follows. We are ascertaining their trail of infection. #BiharHealthDept #coronavirus pic.twitter.com/dAYHMCm9j7— Bihar Health Dept (@BiharHealthDept) June 13, 2020
बिहार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, नए मामलों में से आज शिवहर में सर्वाधिक 25 मरीज़ जबकि मधुबनी 21 मरीज़ मिले। वहीं, शनिवार को बांका में 16, पटना में 15, भागलपुर में 14 और पूर्णिया में 13 केस दर्ज हुए। गौरतलब है कि अब तक कुल 1,20,086 से अधिक सैंपल्स की जाँच की जा चुकी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 के इलाज के लिए आपातकाल में वायरसरोधी दवा रेमडेसिविर, प्रतिरोधक क्षमता के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा टोसीलीजुमैब और प्लाज्मा उपचार की अनुशंसा की है।
गौरतलब है कि मंत्रालय ने शनिवार को ‘कोविड-19 के लिए क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल’ की समीक्षा की है। इसने कहा कि बीमारी की शुरुआत में सार्थक प्रभाव के लिए मलेरिया रोधक दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) का इस्तेमाल किया जाना चाहिए और गंभीर मामलों में इससे बचना चाहिए।
मंत्रालय ने नये प्रोटोकॉल के तहत गंभीर स्थिति और आईसीयू की जरूरत होने की स्थिति में एजिथ्रोमाइसीन के साथ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल किए जाने की पहले की अनुशंसा को समाप्त कर दिया है।
इसने कहा कि कई अध्ययनों में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के क्लीनिकल इस्तेमाल में काफी फायदा बताया गया है।
संशोधित प्रोटोकॉल में कहा गया है, ‘‘कई बड़े अवलोकन अध्ययनों में इसका कोई प्रभाव या सार्थक क्लीनिकल परिणाम नहीं दिखा है।’’
इसमें बताया गया है, ‘‘अन्य वायरसरोधी दवाओं की तरह इसका इस्तेमाल बीमारी की शुरुआत में किया जाना चाहिए ताकि सार्थक परिणाम हासिल किया जा सके और गंभीर रूप से बीमारी मरीजों के लिए इसका इस्तेमाल करने से बचा जाना चाहिए।’’
You must be logged in to post a comment.