केंद्र एवं बिहार सरकार के डाटा में बड़ा अंतर, जहाँ कोरोना वायरस के 10 अप्रैल तक 5457 सैंपल जाँच के बाद कुल मामले बढ़ कर 60

बिहार के सवास्थ सचिव संजय कुमार के द्वारा किये गए ट्वीट के बाद आज सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या पिछले 24 घंटों में बढ़कर 60 हो गई है।

बता दें बिहार में संक्रमण से अब तक मौत के अकड़ा 1 है, बिहार में  मौजूदा 4 जाँच केन्द्रों पर 38 जिलों का भार है, सरकार द्वारा जारी आकड़ो के अनुसार  2 मार्च से 10 अप्रैल तक के संग्रहित सैंपल की संख्या आईसीएमआर (आर एम आर आई एम एस) 4145 डीएमसीएच दरभंगा में 233, आईजीआईएमएस, पटना 930 और पीएमसीएच, पटना 149, कुल 5457 बताई गई है।

  स्वास्थ विभाग बिहार सरकार की माने तो अब तक 15 लोग ठीक/ डिस्चार्ज या माइग्रेट हुए हैं।

किन्तु वहीँ केंद्र सरकार द्वारा आज सुबह जरी आकडे कुछ और ही दास्तान बयान करते हैं। स्वास्थ विभाग केंद्र सरकार के अनुसार बिहार में कोरोना वायरस के मामलों पिछले 24 घंटों में बिना किसी अंतर के 39 है। जहाँ ठीक/ डिस्चार्ज या माइग्रेट संख्या 0 (शून्य) एवं मौत को 1 दर्शाया गया है।

ये तो हम सभी जानते हैं कि इसका खाम्यज़ा भोली भली जनता को ही भुगतना होगा। अब देखना ये है, कि केंद्र और राज्य सरकार के आकड़ो में आखिर कब तक ये हेरा फेरी का खेल जरी रहता है।

क्या कड़े कदम उठाने चाहिए सीएसआईआर

सीएसआईआर के डॉक्टर सी एच मोहन राव ने “कोरोना के अधिक मरीज 5000 से अधिक हो गए क्या कड़े कदम उठाने चाहिए सवाल पर कहा है जिस तरह संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हम स्टेज 2 स्टेज 3 के बीच में है

उन्होंने कहा इसलिए लोग डॉन को लेकर कोई लापरवाही नहीं करनी चाहिए। lलॉकडाउन के साथ सोशल डिस्टेंसिंग बहुत जरूरी है।

कोरोना केस बढ़ने पर केंद्र सरकार की एडवाइजरी

सरकार ने कोरोनावायरस फैलाने के लिए किसी समुदाय या स्थान पर दोषारोपण करने को लेकर एक एडवाइजरी जारी करते हुए लोगों से ऐसा ना करने की अपील की है। बतौर एडवाइजरी संकट में उत्पन्न पूर्वाग्रहों से दुश्मनी, अराजकता और सामाजिक रुकावटें उत्पन्न हो सकती हैं। वहीं सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों/ पुलिसकर्मियों को भी निशाना ना बनाने की अपील की है।