NPR की प्रक्रिया पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब

नागरिकता कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 143 याचिका दायर करने के बाद अब नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर की पूरी प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा है कि अब इसकी सुनवाई नागरिकता संशोधन कानून के साथ होगी. पिछले साल दिसंबर में नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट ने एनपीआर को मंजूरी दी थी. जिसमें कहा गया था कि घर-घर जाकर एक रजिस्टर तैयार किया जाएगा और यह भी दर्ज किया जाएगा कि कहां कौन रह रहा है.

सीएए के साथ होगी सुनवाई

नागरिकता कानून को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 4 हफ्ते में जवाब देने को कहा है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े ने कहा था कि केंद्र सरकार के पक्ष को जाने बिना एक तरफा फैसला नहीं कर सकते. और सीएए पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इस मामले में अगली सुनवाई अब फरवरी में होगी. अब कोर्ट इसी दिन एनपीआर पर भी सुनवाई करेगी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में सीएए के खिलाफ 143 याचिकाएं दर्ज हैं.

एनपीआर की प्रक्रिया को टालने का अनुरोध

सुप्रीम कोर्ट में सीएए के मामले में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने रोक लगाने और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की कवायद फिलहाल टाल देने का अनुरोध किया था. न्यायालय ने कहा कि वो इस मामले पर केंद्र को सुने बगैर इस पर कोई रोक नहीं लगाएगा.

एनपीआर में लोगों का विवरण होगा शामिल

एनपीआर का फुल फॉर्म नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर है. जनसंख्या रजिस्टर का मतलब ये है इसमें किसी गांव या ग्रामीण इलाके या कस्बे या वार्ड या किसी वार्ड या शहरी क्षेत्र के सीमांकित इलाके में रहने वाले लोगों का विवरण शामिल होगा.’