देश की राजधानी दिल्ली लगातार तीन दिनों तक जलती रही लेकिन किसी ने रोकने की कोशिश नहीं की. गृहमंत्री अमित शाह जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आगवानी में ब्यस्त रहे वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इसपर कोई ठोस कदम नहीं उठाया. दिल्ली हिंसा को लेकर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई. बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मौजूद रहे. बैठक में हिंसा के दौरान मरने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी गई.
हिंसा के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार
इस मामले पर सोनिया गांधी ने कहा कि दिल्ली की मौजूदा हालात चिंताजनक है. एक साजिश के तहत हालात बिगड़े. बीजेपी नेताओं ने भड़काऊ भाषण दिए. उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी नेताओं ने नफरत फैलाया. दिल्ली की स्थिति के लिए केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह जिम्मेदार हैं. गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूछा कि रविवार को गृह मंत्री कहां थे और क्या कर रहे थे ? बिगड़ते हालात के बाद भी सेना की तैनाती क्यों नहीं की गई ? दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल क्या कर रहे थे?
दिल्ली पुलिस की विफलता
वहीं पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने दिल्ली पुलिस पर निशाना साधते हुए अपनी ट्वीट में कहा कि चाहे गृह मंत्री हो या फिर गृह मंत्रालय, सरकार का कर्तव्य है कि वह हिंसा को रोके. हिंसा सोमवार से जारी है और अब भी हिंसा की घटनाएं हो रही हैं. यह दिल्ली पुलिस की भारी विफलता को दिखाता है.
Whether the violence in East Delhi was instigated (MOS-Home) or spontaneous (MHA), the government has a duty to end the violence.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 26, 2020
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