प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें सरोगेसी रेग्युलेशन बिल का मंजूरी दी गयी. राज्यसभा के सेलेक्ट कमिटी की सिफारिशों को शामिल करते हुए सरोगेसी रेग्युलेशन बिल को मंजूरी दिया गया. नए बदलाव के बाद अब करीबी रिश्तेदारों के अलावे कोई भी महिला सरोगेट मदर बन सकती है.
बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया, ’राज्यसभा की सेलेक्ट कमिटी की सिफारिशों को शामिल करते हुए सरोगेसी रेग्युलेशन बिल को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई.’ संसद की एक कमिटी ने सिफारिश की थी सिर्फ करीबी रिश्तेदारों को नहीं बल्कि कोई भी ऐसी महिला, जो इच्छुक हो वह सरोगेट बन सकती है.
सरोगेसी रेग्युलेशन बिल 2019 में 15 महत्वपूर्ण बदलाव
राज्यसभा की 23 सदस्यीय सेलेक्ट कमिटी ने सरोगेसी रेग्युलेशन बिल 2019 में 15 महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. आपको बता दें कि सरोगेसी में बच्चे की मां खुद गर्भवती ना होकर किराए की कोख का इस्तेमाल करती है यानी उसके एग्स को लेकर कोई दूसरी महिला गर्भवती होती है और बच्चे को जन्म भी देती है.
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