भारत और नेपाल के बीच जारी सीमा विवाद के बीच नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने ओली सरकार को एक नोटिस जारी किया है। जिसमें उससे पूछा गया है कि भारत में काम करने वाले नेपाली लोगों को विदेशी रोजगार की श्रेणी में क्यों नहीं रखा गया है। यहीं नहीं उन्होंने कहा कि उनको दुनिया के बाकी देशों में काम करने वाले विदेशी नागरिकों से अलग क्यों माना जा रहा है।
नेपालियों को लेकर ’कारण बताओ नोटिस’ जारी
सुप्रीम कोर्ट ने ओली सरकार को भारत में काम कर रहे नेपालियों को लेकर ’कारण बताओ नोटिस’ जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि भारत में काम कर रहे नागरिकों को विदेशी रोजगार की श्रेणी में क्यों नहीं रखा गया है और उन्हें दुनिया के बाकी देशों में काम कर रहे नागरिकों से अलग क्यों माना जा रहा है. बता दें भारत में काम करने वाले नेपाली लोगों की स्थिति पर वहां के सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दर्ज की गई है। जिसका पूछा गया है कि दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत में काम करने वाले प्रवासी क्यों नहीं माना जाता और सरकार उसका रिकॉर्ड क्यों नहीं रखती है।
उन्हें किसी परमिट की भी जरुरत नहीं पड़ती
जो लोग नेपाल से भारत जाते हैं उन्हें किसी परमिट की भी जरुरत नहीं पड़ती और वह इंश्योरेंस जैसी सुविधाएं भी नहीं ले पाते। इसके अलावा माइग्रेंट वर्कर्स वेलफेयर फंड में भी यह लोग योगदान नहीं देते ऐसा क्यों होता है। इसमें पूछा गया है कि जो नियम अन्य देशों के लिए लागू होते हैं वह भारत के लिए क्यों नहीं होते।
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