पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर के लिए आज का दिन बेहद अहम माना जा रहा है. एनडीए गठबंधन में शामिल कुछ मंत्रियों और विधायकों के इस्तीफा देने के बाद सरकार अल्पमत में आ गई है. इसको लेकर कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई है. मणिपुर की विधानसभा में आज विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है। यह फ्लोर टेस्ट ही भाजपा नेतृत्व वाले गठबंधन सरकार के भाग्य का फैसला करेगा।
शुक्रवार को विधानसभा में पेश हुआ था विश्वास प्रस्ताव
विपक्षी कांग्रेस द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लेकर आने के बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बीते शुक्रवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया था. विधानसभा में विश्वास मत पर वोटिंग के लिए कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को व्हिप जारी किया है. व्हिप में सभी सदस्यों से सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एस टिकेंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि सरकार 30 से ज्यादा सदस्यों का समर्थन हासिल करके विश्वास मत जीतेगी। हालांकि सदन में गठबंधन सरकार के पास सिर्फ 29 सदस्यों का संख्याबल है।
भाजपा के मुख्य सचेतक और मंत्री टी. बिस्वजीत सिंह ने भी पार्टी विधायकों को सत्र में भाग लेने और विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने के लिए व्हिप जारी किया है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने सोमवार की रणनीति पर चर्चा करने के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन के सभी विधायकों की बैठक बुलाई थी। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष बैठक शामिल नहीं हुए थे।
60 सदस्यों वाली विधानसभा की मौजूदा संख्या 53
60 सदस्यों वाली मणिपुर विधानसभा की मौजूदा संख्या 53 है। 4 विधायकों को दल बदल कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया गया है वहीं 3 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस के पास फिलहाल 24 विधायक हैं, जबकि सत्ताधारी भाजपा गठबंधन के पास 29 विधायक हैं। भाजपा के पास 18 विधायक हैं। वहीं एनपीपी के पास चार, एनपीएफ के चार और एक-एक विधायक टीएमसी लोक जनशक्ति पार्टी के हैं। इसके अलवा एक निर्दलीय विधायक है।
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