हर थाली में बिहारी व्यंजन का सपना पूरा करेगा मखाना : CM नीतीश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मखाना ही ‘देश की हर थाली में बिहारी व्यंजन’ का सपना पूरा करेगा। इस कृषि उत्पाद पर और काम करने की जरूरत है। जीआई टैग दिलाने की पहल तो हो रही है। जल-जीवन-हरियाली सिर्फ नारा नहंी है। बदलते पर्यावरण के दौर में यह कृषि विकास में सहायक होगा। मौसम के अनुकूल खेती योजना सभी जिलों में लागू होगी। आठ जिलों में चलाने वाली चार संस्थाओं के जिम्मे ही पूरा काम होगा। पटना में एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर बनने वाले साइंस सिटी का काम शुरू होगा। मुंगेर में वानिकी कॉलेज खोलने की व्यवस्था है।

मैने कृषि विकास को ही राज्य के विकास का आधार बनाया-CM

मुख्यमंत्री मंगलवार को वीसी के माध्यम से बिहार कृषि विश्वविद्यालय के भवनों का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में 76 प्रतिशत लोग कृषि पर निर्भर हैं। ऐसे में मैने कृषि विकास को ही राज्य के विकास का आधार बनाया है। वैज्ञानिक इस मिशन को पूरा करने में सहायक होंगे। काम हो रहे हैं नतीजा सामने है। पांच बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिला। काम हुआ तभी तो पुरस्कार मिला। जर्दालु आम, कतरनी चावल, शाही लीची और मगही पान को जीआई टैग मिल गया। मखाना के लिए भी प्रयास हो रहा है। अब तो सब्जी के लिए भी सहकारी समितियां बन गई हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली के प्रति लोगों को जागरूक करना होगा। गंगा किनारे गांवों में जैविक कोरीडर बनाया गया। आज 2.35 लाख हेक्टेयर में इसकी खेती होने लगी। पराली जलाने से रोकने के लिए चार कृषि यंत्रों पर अनुदान 70 प्रतिशत और अनुसूचित जाति व अति पिछड़े वर्ग को 80 प्रतिशत दिया जा रहा है। हैप्पी सीडर के प्रयोग का नतीजा यह आया कि प्रति हेक्टेयर 21 हजार रुपये अधिक आमदनी किसानों को हुई।

पृथ्वी दिवस पर 3.47 करोड पौधे लगाये गये

गया, राजगीर नालंदा और बोधगया में पीने के पानी के लिए गंगा जल पहुंचाया जा रहा है। सिंचाई की 1098 छोटी  योजनाओं को पूरा कर लिया गया। हरियाली बढ़ाने पर काम हुआ तो पृथ्वी दिवस पर 2.51 करोड पौघा लगाने के लक्ष्य को पार कर 3.47 करोड पौधे लगाये गये। जलवायु में बदलाव को लेकर भी शोध हो रहा है। विश्वविद्यालय ने कम पानी में पैदा होने वाली धान की किस्म की इजाद की है। बडे पैमाने पर बीज का उत्पादन हो रहा है। पहले रोड मैप में इंद्रधनुषी क्रांति की कल्पना की गई थी। वैज्ञानिकों ने इसे और आगे बढ़ाया। सात रंगों के अलावा अंडा उत्पादन में विकास कर रजत क्रांति से भी जुड़ गये। पहले कृषि की पढ़ाई में छात्रों की रुचि नहीं थी। बीच में ही छोड देते थे। सरकार ने प्रोत्साहित किया। हर छात्र को दो हजार रुपये और किताब खरीदने के लिए छह हजार रुपये देती है। केन्द्र ने बागवानी मिशन योजना 23 जिलों में शुरू की। राज्य सरकार शेष जिलों में अपने पैसे से योजना चला रही है।

वैज्ञानिक छात्रों को कृषि उद्यमी बनाने पर जोर दें : मोदी 
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वैज्ञानिक छात्रों को कृषि उद्यमी बनाने पर जोर दें। केन्द्र ने कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक विकास के लिए एक लाख करोड़ का पैकेज दिया है। बिहार को इसमें 3980 करोड मिलेंगे। इससे कोल्ड स्टोर, गोदाम जैसेी संरचना के निर्माण पर लोन के सूद में तीन प्रतिशत अनुदान सरकार देगी। पैक्सों को एक प्रतिशत पर ही लोन मिलेगा। इसके लिए अब तक 25 पैक्सों का चयन भी कर लिया गया है। सहकारिता विभाग पैक्सों में कृषि यंत्र बैंक बना रहा है। इसके लिए 2927 पैक्सों का चयन किया गया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कृषि मंत्री डा. प्रेम कुमार ने कहा कि देश के पहले धान अनुसंधान केन्द्र की स्थापना बिहार में हुई। बीएयू देश में 18वें स्थान पर आ  गया। साथ ही पूर्वी भारत में इसे पहला स्थान मिला है। बिहार पहला राज्य है जहां कृषि विकास के लिए रोडमैप तो बना ही है कैबिनेट भी बना।