हाथरस मामले में आरोपियों और पुलिस टीम के साथ पीड़ित परिवार का भी होगा नारको टेस्ट, एसपी, सीओ और थानेदार निलंबित

यूपी के चर्चित हाथरस मामले में योगी सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है.एसआईटी की पहली रिपोर्ट मिलने के बाद सीएम योगी ने एसपी, डीएसपी और थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही अब इस मामले में आरोपियों के साथ-साथ पीड़ित पक्ष का भी पॉलीग्राफ और नारको टेस्ट कराया जाएगा.

एसआईटी की रिपोर्ट मिलते ही सरकार ने लिया बड़ा एक्शन

सरकार की तरफ से जारी किए एक प्रेस नोट के माध्यम से इस बात की जानकारी दी गई. ऐसा पहली बार होगा कि किसी मामले की जांच करने वाली पुलिस टीम का भी पॉलीग्राफ और नारको टेस्ट कराया जाएगा. सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले में अधिकारियों की कार्रवाई को लेकर खासे नाराज थे. इसी वजह से एसआईटी की पहली रिपोर्ट मिलते ही सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है.

सभी लोगों का नारको टेस्ट व पॉलीग्राफी टेस्ट

इस मामले में एसआईटी जांच कर रही है और जांच को साइंटिफिक तौर पर भी कराया जाए. यानी जो चश्मदीद हैं, उनके बयानों के अलावा नारको या पॉलीग्राफ टेस्ट कराकर बयानों की सच्चाई परखा जाना जरूरी है. एसआईटी ने यह रिकमेंडेशन सरकार से की है. इसी के आधार पर घटना से जुड़े सभी लोगों का नारको टेस्ट व पॉलीग्राफी टेस्ट कराया जाएगा.

डीएम पर भी हो सकती है कारवाई

मुख्यमंत्री योगी के आदेश पर हाथरस के पुलिस अधीक्षक यानी एसपी विक्रांत वीर, क्षेत्राधिकारी (सीओ) राम शब्द और संबंधित थाने के इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा, एसआई जगवीर सिंह को निलंबित किया गया है. इससे पहले खबर आई थी कि हाथरस के जिलाधिकारी पर भी कार्रवाई हो सकती है. लेकिन फिलहाल उनका नाम लिस्ट में नहीं है. ,