झारखंड के स्थापना दिवस पर सीएम हेमंत सोरेन ने राज्यवासियों की बधाई और शुभकामनाएं, कहा- बिरसा के सपनों का झारखंड बनाना हमारा लक्ष्य

झारखंड आज 20 साल का हो गया। झारखंड के स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी राज्यवासियों को शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि संघर्ष और साहस की प्रतिमूर्ति धरती आबा बिरसा मुंडा के सपनों का झारखंड बनाना हमारा लक्ष्य है। बिरसा मुंडा की जयंती भी आज ही मनाई जा रही है। मुख्यमंत्री व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कोकर स्थित बिरसा मुंडा की समाधि स्थल पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

देश में बदलाव की इबारत युवा शक्ति द्वारा ही लिखी गयी

वह अलग राज्य के निर्माण में आंदोलनकारियों के खून-पसीने की खुशबू से अब भी महक रहा है. सन 2000 में झारखंड अलग राज्य बना. कई उतार-चढ़ाव और खट्टी-मीठी यादों के साथ हमारे राज्य ने यहां तक का सफर पूरा किया है. आज हमारा राज्य अपने 20 साल पूरे कर रहा है. यह युवा झारखंड कई संघर्षों और सफलताओं के साथ आज आगे की ओर अग्रसर है. ‘युवा’ शब्द वैसे भी संकल्प, शक्ति, बदलाव व विकास जैसे प्रगतिसूचक शब्दों का मालिक माना जाता है. किसी भी समाज एवं देश में बदलाव की इबारत युवा शक्ति द्वारा ही लिखी गयी है.

कौन है बिरसा मुंडा

बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को बंगाल प्रेसीडेंसी, उलीहातू, रांची जिला, बिहार में हुआ था जो कि अब झारखंड के खुंटी जिले में आता है। मुंडा एक भारतीय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी, धार्मिक नेता और लोक नायक थे, जो मुंडा जनजाति से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने 19वीं सदी के अंत में बंगाल प्रेसीडेंसी (अब झारखंड) में ब्रिटिश राज के दौरान हुए एक आदिवासी धार्मिक आंदोलन की अगुवाई की थी। इसने उन्हें भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बना दिया। यह आंदोलन मुख्य रूप से खूंटी, तामार, सरवाड़ा और बंदगांव के मुंडा बेल्ट में केंद्रित था। उनकी तस्वीर भारतीय संसद के संग्रहालय में मौजूद है। वे एकमात्र ऐसे आदिवासी नेता हैं जिन्हें यह सम्मान मिला है। भारत सरकार ने 1988 में उनके सम्मान में एक डाट टिकट भी जारी किया था।