कृषि कानून पर विपक्ष के समर्थन पर भाजपा ने जताई नाराजगी, कहा-विपक्ष केवल विरोध के लिए कर रहा विरोध

कृषि कानून को लेकर किसानों का आंदोलन लगातार 12वें दिन भी जारी है। सभी विपक्षी दलों ने किसानों के इस विरोध प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया है। किसानों ने आठ दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि विपक्षी दल दोहरा रवैया अपना रहे हैं। विपक्ष केवल विरोध के लिए विरोध कर रहा है। प्रसाद ने एक-एक कर उन तमाम नेताओं के नाम लेकर हमला बोला है जिन्होंने कृषि कानूनों पर सरकार से मिलती-जुलती राय रखी थी।

किसान आंदोलन में गैर विपक्षी दल भी कूद गए

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि किसान आंदोलन में गैर विपक्षी दल भी कूद गए हैं. ये लगातार चुनाव हार रहे हैं, इसलिए सरकार के विरोध में खड़े हो जाते हैं और अपने अतीत को भूलते हुए अपने वादे भूल जाते हैं. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस ने 2014 के मैनिफेस्टो में APMC एक्ट को समाप्त करेगी. 2014 में कांग्रेस ने अपने मैनिफेस्टो में इंग्लिश में लिखा हैं कि APMC एक्ट को Repeal करेगी और हिंदी में लिखा कि हम इस कानून में संशोधन करेंगे, जो हम कर रहे हैं.

शरद पवार ने APMC एक्ट को लेकर लिखी थी चिट्ठी

उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी ने 2013 में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई थी, जिसमें कहा था कि किसान मंडियों को फ्री कर देना चाहिए. पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने APMC एक्ट से बदलने से लेकर किसान मंडियों को फ्री करने के लिए कई मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी थी.’

रविशंकर प्रसाद ने शरद पवार-मुलायम पर साधा निशाना

रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘शरद पवार ने एक इंटरव्यू में कहा था कि APMC एक्ट में बदलाव किए तो अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा. अखिलेश यादव आपको याद दिलाऊंगा कि कृषि संबंधित मामलों की संसदीय समिति में आपके पिता और समाजवादियों की अंतिम आवाज मुलायम सिंह यादव ने भी कहा कि किसानों को मंडी कल्चर से बाहर आना जरूरी थी.’

किसानों को भ्रमित करने की कोशिश

उन्होंने कहा कि ‘मैं कानून मंत्री के तौर पर कह रहा हूं कि ना किसानों की जमीन को बंधक बनाया जायेगा और ना ही लीज पर लिया जायेगा. हमने किसानों को डिजिटल मंडी दी है, जिसमें अभी एक लाख करोड़ का व्यापार होता है. किसानों को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है.’