सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया को जारी किया नोटिस, कहा- फेक और भड़काऊ मैसेज रोके ट्वीटर

सुप्रीम कोर्ट में ट्विटर-फेसबुक पर फेक न्यूज और भड़काऊ मैसेज रोकने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नोटिस जारी किया है। उन्हें ऐसी व्यवस्था बनाने के लिए कहा है, ताकि इस तरह की खबरों और मैसेज को रोका जा सके। बोगस (फर्जी) अकाउंट्स पर भी कार्रवाई करने के लिए कहा।

यह देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा

कोर्ट की नोटिस में केंद्र सरकार से कहा है कि इन पाबंदियों को प्रस्तावित सोशल मीडिया रेगुलेशन में भी शामिल किया जाए। भाजपा नेता और वकील विनीत गोयनका की जनहित याचिका (PIL) पर चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने सुनवाई की। याचिकाकर्ता का कहना है कि पिछले कुछ सालों से ट्विटर और सोशल मीडिया के जरिए देश को बांटने वाले न्यूज और मैसेज फैलाए जा रहे हैं। यह देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा है।

ट्विटर ने अब तक 97% उन अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया

हाल ही में लाल किले पर हुई हिंसा के बाद केंद्र के कहने पर ट्विटर ने अब तक 97% उन अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया है, जिनसे फेक न्यूज, हेट हैशटैग और भड़काऊ कंटेंट फैलाए जा रहे थे। सूत्रों के अनुसार, केंद्र ने ट्विटर को ऐसे 1,435 अकाउंट्स की जानकारी दी थी। इनमें से 1,398 अकाउंट्स ब्लॉक किए जा चुके हैं।