टूलकिट मामले में पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद अब उनके करीबियों पर शिकंजा कसने लगा है. इस बीच निकिता जैकब और शांतनु फरार हो गए है. दिल्ली पुलिस ने निकिता जैकब के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी करवाया है.
सोशल मीडिया पर सनसनी फैलाना था मकसद
सूत्रों के मुताबिक, दिशा, निकिता ने जूम ऐप पर खालिस्तानी समर्थक और पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के फाउंडर एमओ धालीवाल के साथ मीटिंग की थी। इस मीटिंग का मकसद 26 जनवरी से पहले सोशल मीडिया पर सनसनी फैलाना था।सूत्रों के अनुसार निकिता को धालीवाल से एक साथी पुनीत ने मिलवाया था। अपने खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद निकिता ने अब बॉम्बे हाईकोर्ट में ट्रांजिट बेल की एप्लीकेशन दायर की है। इस मामले पर कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगी।
11 फरवरी को निकिता के घर पहुंची थी निकिता
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने 11 फरवरी को निकिता जैकब के घर पर सर्च करने गई थी. इसलिए पूछताछ नहीं हो सकी थी. निकिता से स्पेशल सेल ने दस्तावेज पर दस्तखत करवाया था कि वो जांच में शामिल होंगी, लेकिन उसके बाद निकिता अंडरग्राउंड हो गई
पुलिस ने 14 फरवरी को दिशा को अरेस्ट किया
वहीं टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस ने 14 फरवरी को दिशा को अरेस्ट किया। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, फ्राइडे फॉर फ्यूचर कैम्पेन शुरू करने वालों में शामिल दिशा ने टूलकिट का गूगल डॉक बनाकर उसे सर्कुलेट किया। इसके लिए उसने वॉट्सऐप ग्रुप बनाया था। वह इस टूलकिट की ड्राफ्टिंग में भी शामिल थी।
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