सरकार बिना डेटा के इसे शहरी सोच कैसे बता रही: सुप्रीम कोर्ट। हिन्दुस्तान की सुर्खी है: समलैंगिकता पर केंद्र ने राज्यों से राय मांगी। समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने के आग्रह से जुड़ी याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय में बुधवार को केंद्र सरकार ने राज्यों को भी पक्ष बनाने की मांग दोहराई। सरकार की ओर से कहा गया कि मामले में राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर उनकी राय मांगी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहां है कि बिना किसी डेटा के केंद्र सरकार समलैंगिक विवाह और समलैंगिकता को शहरी अभिजात्य (अर्बन इलीटिस्ट) सोच कैसे बता रही है।
भास्कर
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