भारत में एक बार फिर से कोरोना महामारी पैर पसार रहा है। कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 से लोगों में डर पैदा कर दिया है।
इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को इसको लेकर राज्यों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की जिसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों, अधिकारी समेत कई लोग शामिल हुए। इस दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं और तैयारियों के साथ ही संक्रमण की रोकथाम के उपायों पर चर्चा की गई। बता दें, आईसीएमआर के निदेशक डॉ. राजीव बहल, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल और आईसीएमआर की पूर्व महानिदेशक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने भी इस बैठक में भाग लिया।
हमें अलर्ट रहने की जरूरत
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा, ‘यह एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने का समय है। साथ ही संपूर्ण सरकार दृष्टिकोण के साथ मिलकर काम करने का समय है। हमें अलर्ट रहने की जरूरत है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है।’ उन्होंने कहा कि अस्पताल की तैयारी, निगरानी बढ़ाने और लोगों के साथ प्रभावी संचार के मॉक ड्रिल के साथ तैयार रहना महत्वपूर्ण है। हर तीन महीने में एक बार सभी अस्पतालों में मॉक ड्रिल की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं राज्यों को केंद्र की ओर से सभी प्रकार के समर्थन का आश्वासन देता हूं। स्वास्थ्य राजनीति का क्षेत्र नहीं है।’
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